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डीएम व एसपी ने सेक्टर अधिकारियों को सौंपी जिम्मेदारी

डीएम व एसपी ने सेक्टर अधिकारियों को सौंपी जिम्मेदारी

मतदान एजेंटों के पास नहीं रहेगा मोबाइल फोन खगड़िया में अंतिम चरण में पहुंचीं चुनावी तैयारी, क्रिटिकल बूथों पर रहेगी खास नजर, बूथ तैयार होने पर कंट्रोल रूम को ओके रिपोर्ट भेजना जरूरी गोगरी. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए जिला प्रशासन ने पूरी ताकत झोंक दी है. जिले में छह नवंबर को होने वाले मतदान को शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और भय-मुक्त बनाने के लिए मंगलवार को बैठक हुई. जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम नवीन कुमार और एसपी राकेश कुमार ने संयुक्त रूप से सेक्टर मजिस्ट्रेटों और पुलिस अधिकारियों को चुनावी दिशा-निर्देश दिए, डीएम नवीन कुमार ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि उनका लक्ष्य है कि हर मतदाता बिना किसी डर या दबाव के वोट डाल सके. उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग की सख्त निगरानी है. आपकी निष्पक्षता आपके व्यवहार में दिखनी चाहिए, उनके प्रमुख निर्देश दिये कि सभी अधिकारियों का आचरण निष्पक्ष और पारदर्शी हो. किसी भी राजनीतिक दल से भोजन या ठहरने की सुविधा स्वीकार न करें. रिजर्व ईवीएम और वीवीपैट की सुरक्षा सबसे ऊपरी प्राथमिकता है. हर मतदान केंद्र पर मोबाइल नेटवर्क और बिजली की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करें. वीवीपैट को धूप और बल्ब की सीधी रोशनी से बचाएं, हर बूथ पर मेडिकल टीम और डॉक्टरों के संपर्क नंबर उपलब्ध हों. किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. एसपी राकेश कुमार ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए, उन्होंने कहा कि मतदाताओं को सुरक्षा का पूरा भरोसा दिलाना जरूरी है. चार नवंबर से साइलेंस पीरियड लागू होते ही गांवों और शहरों में गश्त तेज कर दी जाए, क्रिटिकल बूथों पर विशेष निगरानी और चौकसी रहे. छोटी-से-छोटी घटना की भी तुरंत सूचना दें. सीएपीएफ के साथ लगातार संपर्क बनाए रखें. मतदान एजेंटों के पास मोबाइल फोन नहीं होने चाहिए, पोल्ड ईवीएम को स्ट्रांग रूम तक सुरक्षा के कड़े घेरे में पहुंचाया जाये. देर रात तक पेट्रोलिंग जारी रखी जाए, भीड़ जमा न होने दें और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखें. सेक्टर अधिकारियों को चुनाव की रीढ़ की हड्डी मानते हुए उन्हें विशेष जिम्मेदारी सौंपी गयी है. ईवीएम और वीवीपैट की अंतिम जांच और सुरक्षा. मतदान केंद्रों पर बिजली, फर्नीचर और अन्य बुनियादी सुविधाओं का निरीक्षण. मतदान दल की समय पर उपस्थिति और सामग्री की पुष्टि करना, मतदान शुरू होने से 90 मिनट पहले मॉक पॉल करके रिपोर्ट भेजना, फॉर्म-17सी भरकर पोलिंग एजेंटों को उसकी प्रति देना. बिना काम पूरा किए कोई भी मतदान कर्मी बूथ न छोड़े. चुनाव के दिन हर कदम पर निगरानी रहेगी. अधिकारियों की स्पष्ट जवाबदेही तय कर दी गई है. मतदान दल और पुलिस बल उपस्थिति की रिपोर्ट बूथ तैयार होने पर कंट्रोल रूम को ओके रिपोर्ट भेजना. मतदान शुरू होने से पहले मॉक पोल और सर्टिफिकेट जारी करना. जिला प्रशासन ने साफ कर दिया है कि उनका एकमात्र लक्ष्य जिले में स्वच्छ, शांतिपूर्ण और निर्भिक मतदान कराना है. हर स्तर पर तैयारियां पूरी कर ली गयी है, ताकि कोई भी मतदाता वोट डालने से वंचित न रहे.

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