गोगरी. पहले चरण का चुनाव जिले के चार विधानसभा क्षेत्र में छह नवंबर को होगा, लेकिन मोंथा चक्रवात के कारण हो रही बारिश वह अचानक बढ़ ठंड से जिन सड़कों पर कार्यकर्ताओं की भीड़ और नारों की गूंज सुनाई देती थी, वहां फिलहाल सन्नाटा पसरा हुआ है. दिन-रात गांव-गांव घूमकर मतदाताओं तक पहुंचने वाले कार्यकर्ता अब घरों में दुबकने को मजबूर हो गए हैं. जबकि विधानसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है, लेकिन अचानक मौसम की बेरूखी ने सियासी समीकरणों में खलल डालना शुरू कर दिया है. अचानक आयी बारिश और ठंडी हवाओं ने प्रचार-प्रसार की रफ्तार को धीमा कर दिया है. जिन सड़कों पर अब तक कार्यकर्ताओं की भीड़ और नारों की गूंज सुनाई देती थी, वहां अब सन्नाटा है. दिन-रात गांव-गांव घूमकर मतदाताओं तक पहुंचने वाले कार्यकर्ता अब घरों में दुबकने को मजबूर दिख रहे हैं. अनुमंडल मुख्यालय सहित कई इलाकों में गुरुवार की देर शाम से लगातार बारिश जारी है, जिसने नेताओं की मुश्किलें बढ़ा दी है. इस बारिश ने न सिर्फ प्रचार अभियानों की रफ्तार धीमी की है, बल्कि आम जनजीवन पर भी असर डाला है. रेलवे स्टेशन से लेकर बस अड्डों तक यात्रियों को बारिश से बचने के लिए शरण लेनी पड़ रही है. शहर में जलजमाव की समस्या एक बार फिर विकास के दावों पर सवाल खड़े कर रही है. हालात ऐसे हैं कि उम्मीदवारों को अब सोशल मीडिया के सहारे ही मतदाताओं से जुड़ने की कोशिश करनी पड़ रही है. राजनीतिक पंडितों का मानना है कि अगर मौसम का यह मिजाज कुछ दिन और ऐसा ही रहा, तो कई उम्मीदवारों की रणनीति पर असर पड़ सकता है और चुनावी समीकरण पूरी तरह बदल सकते हैं.
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