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खगड़िया : 13 दवा दुकानों के लाइसेंस रद्द
बगैर फर्मासिस्ट के चल रही दर्जनों दुकानें खगड़िया : लोक शिकायत अधिनियम 2015 की गाज अब नियम विपरीत तरीके से चल रहे दवा दुकानों पर गिरी है. 13 दवा दुकानों के लाइसेंस को रद्द कर दिया गया है. अब भी दर्जनों ऐसी दुकानें कतार में हैं, जिस पर कभी भी गाज गिर सकती है. विभाग […]
बगैर फर्मासिस्ट के चल रही दर्जनों दुकानें
खगड़िया : लोक शिकायत अधिनियम 2015 की गाज अब नियम विपरीत तरीके से चल रहे दवा दुकानों पर गिरी है. 13 दवा दुकानों के लाइसेंस को रद्द कर दिया गया है. अब भी दर्जनों ऐसी दुकानें कतार में हैं, जिस पर कभी भी गाज गिर सकती है. विभाग के जानकार बताते हैं कि दवा दुकान खोलने के लाइसेंस फर्मासिस्ट को ही दिये जाते हैं तथा इनके द्वारा ही दवा की बिक्री किये जाने का प्रावधान है. नियमानुसार सभी दवा दुकानों की जांच वर्ष में एक बार होना अनिवार्य है. लेकिन विभाग के इस आदेश की लगातार अनदेखी होती आ रही है. जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है.
हाल के दिनों में ही पटना के एक शिकायतकर्ता पप्पू कुमार ने दवा दुकानों के नियम के विपरीत संचालन व विभागीय लोक सेवक के विरुद्ध जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय में शिकायत दर्ज करायी थी. औषधि निरीक्षक रमेंश कुमार व ड्रग इंस्पेक्टर पर मिली भगत का उन्होंने आरेाप लगाते हुए यह कहा था कि औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 की धारा 18(5) (vi) तथा फार्मेसी अधिनियम की धारा 4(1) का व्यापक रूप से इस जिले में उल्लंघन हो रहा है. उन्होंने रजिस्टर्ड फर्मासिस्ट की अनुपस्थिति में दवा दुकानों पर दवा बेचे जाने की शिकायत की थी.
नोटिस के बाद एक्शन : शिकायत दर्ज होने के बाद जिला लोक शिकायत एडीएम विजय कुमार सिंह ने सहायक औषधि निरीक्षक को नोटिस जारी कर इस मामले में जवाब मांगा. नोटिस का असर हुआ. औषधि निरीक्षक ने सुनवाई के दौरान यह प्रतिवेदन सौंपा कि ऐसे 13 दवा दुकानदारों के लाइसेंस को जांच के बाद रद्द कर दिया गया, जो फर्मासिस्ट की अनुपस्थिति में दवा बेच रहे थे. उन्होंने सुनवाई पदाधिकारी को दवा दुकानों का लेखा-जोखा भी सौंपा. जिले में दवा दुकानों की संख्या 400 है जिसके विरुद्ध महज 101 दवा दुकानों की ही जांच हुई है.
शेष दुकानों की जांच नहीं हो पायी है जबकि नियमानुसार साल में एक बार दवा दुकानों की जांच अनिवार्य है. लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण अधिकांश दुकानों की जांच नहीं है पायी है. हालांकि लोक शिकायत एडीएम श्री सिंह ने सहायक औषधि नियंत्रण को अपने दायित्व के प्रति सजग रहने सहित शेष बची दुकानों की जांच करने का आदेश दिया है. इस मामले को तो समाप्त कर दिया गया. लेकिन ऐसी दवा दुकानों की जांच के पश्चात कार्रवाई की रिपोर्ट सहायक औषधि नियंत्रक को जिला कार्यालय में भी उपलब्ध कराने को कहा गया है.
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