कार्रवाई. मध्याह्न भोजन योजना में गड़बड़ी पर विभाग ने लिया संज्ञान
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पांच एचएम से वसूली जायेगी राशि
कार्रवाई. मध्याह्न भोजन योजना में गड़बड़ी पर विभाग ने लिया संज्ञान परबत्ता प्रखंड में पांच विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों से मध्याह्न भोजन योजना के मद में 2 लाख 23 हजार 3 सौ 36 रुपयों की रिकवरी करने का आदेश दिया गया है. खगड़िया/परबत्ता : जिले के विभिन्न विद्यालयों में आये दिन मध्याह्न भोजन योजना के संचालन […]
परबत्ता प्रखंड में पांच विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों से मध्याह्न भोजन योजना के मद में 2 लाख 23 हजार 3 सौ 36 रुपयों की रिकवरी करने का आदेश दिया गया है.
खगड़िया/परबत्ता : जिले के विभिन्न विद्यालयों में आये दिन मध्याह्न भोजन योजना के संचालन से संबंधित शिकायत सुनने को मिलती है. इस संदर्भ में विभाग द्वारा सतत निरीक्षण और दंड आरोपण की कार्रवाई भी किया जाता है. लेकिन इन सब कार्रवाईयों से भी मध्याह्न भोजन योजना में गड़बड़ी करने वालों पर कोई खास असर होता नहीं दिख रहा है.
परबत्ता प्रखंड में पांच विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों से मध्याह्न भोजन योजना के मद में 2 लाख 23 हजार 3 सौ 36 रुपयों की रिकवरी करने का आदेश दिया गया है. जिला शिक्षा पदाधिकारी सुरेश साहू ने पत्रांक 535 दिनांक 31 मार्च 17 के अनुसार मध्याह्न भोजन योजना के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर प्राथमिक मकतब मोजाहिदा के रंजीत कुमार राय से 3 हजार 3 सौ 12 रुपये, मध्य
विद्यालय मथुरापुर तथा मध्य विद्यालय भरतखंड के संयुक्त प्रधान के नीलेश कुमार चौधरी से 1 लाख 97 हजार 1 सौ 97 रुपये, मध्य विद्यालय तेलिया बथान के प्रधानाध्यापक मनोज कुमार रंजन से 11 हजार 8 सौ 18 रुपये, प्राथमिक विद्यालय पश्चिम टोला कुल्हरिया की प्रधानाध्यापक नीलू कुमारी से 11 हजार 99 रुपये की वसूली का आदेश जारी किया गया है.
इस क्रम में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि उनके द्वारा नियोजित शिक्षकों के वेतन से संबंधित एडवाईस से वसूली के साथ कटौती कर मध्याह्न भोजन योजना के खाता में जमा करना सुनिश्चित करें. वहीं, नियमित शिक्षकों के मामले में निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी को शिक्षक के वेतन से वसूली जाने वाली राशि की कटौती का निर्देश दिया गया है. साथ ही यह कहा गया है कि राशि की कटौती में शिथिलता बरतने की स्थिति में डीडीओ को पद से हटाने की प्रक्रिया आरंभ की जायेगी.
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इनमें से कुछ प्रधानाध्यापकों ने वसूलनीय राशि को विभाग के खाते में जमा करा दिया है. जबकि कुछ प्रधान इस पत्र को रद्द कराने की जुगत में लगे हुए हैं. मिली जानकारी के अनुसार महीनों पूर्व निकले इन विभागीय आदेशों को अब सख्ती से लागू करने की प्रक्रिया की जा रही है.
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