आरोप पत्र गठित, रिपोर्ट भेजी गयी ग्रामीण विकास विभाग को
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तत्कालीन बीडीओ के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा
आरोप पत्र गठित, रिपोर्ट भेजी गयी ग्रामीण विकास विभाग को एक दशक पुराने मामले में हो रही है कार्रवाई जिला स्तर पर हुई मामले की समीक्षा खगड़िया : चौथम प्रखंड के पूर्व बीडीओ सह बेगूसराय के वर्तमान डीडीसी कंचन कपूर के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई चलेगी. क्योंकि इनके विरुद्ध प्रपत्र क में आरोप गठित कर विभागीय […]
एक दशक पुराने मामले में हो रही है कार्रवाई
जिला स्तर पर हुई मामले की समीक्षा
खगड़िया : चौथम प्रखंड के पूर्व बीडीओ सह बेगूसराय के वर्तमान डीडीसी कंचन कपूर के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई चलेगी. क्योंकि इनके विरुद्ध प्रपत्र क में आरोप गठित कर विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की गयी है. विभागीय सूत्र के मुताबिक खगड़िया डीएम जय सिंह ने श्री कपूर के विरुद्ध आरोप पत्र गठित कर साक्ष्य सहित राज्य स्तर पर रिपोर्ट भेजी है. जहां से इनके विरुद्ध गठित आरोप पत्र के आलोक में विभागीय कार्रवाई आरंभ की जायेगी.
जानकारी के मुताबिक ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा चौथम प्रखंड के पूर्व बीडीओ सह डीडीसी बेगूसराय के विरुद्ध आरोप पत्र गठित करने का आदेश जारी किया गया था. इसलिए इनके विरुद्ध गठित प्रपत्र क को इसी विभाग के पास भेजा गया है. लगभग एक दशक पूर्व के मामले में डीडीसी के विरुद्ध कार्रवाई हो रही है. तब ये चौथम प्रखंड में बीडीओ के पद पर पदस्थापित थे. आधिकारिक सूत्र के मुताबिक इनके चौथम कार्यकाल पूर्व ही प्रखंड के नीरपुर पंचायत में इंदिरा आवास योजना में अनियमितता बरती गयी थी. जांच में अनियमितता सामने आने के बाद सभी आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई के आदेश दिये गये थे. तत्कालीन बीडीओ, पर्यवेक्षक, पंचायत सचिव के विरुद्ध जहां प्रपत्र क गठित किया गया था. वहीं, पंचायत के मुखिया के विरुद्ध वर्ष 06-07 में ही प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश जिला स्तर से जारी किया गया था. सूत्र बताते हैं कि तब वरीय अधिकारी के आदेश के बावजूद आरोपी मुखिया के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी गयी.
डीएम व डीडीसी के आदेश की अवेहलना
हालांकि जिला स्तर से बार बार जारी आदेश के बाद वर्ष 2011 आरोपी मुखिया के विरुद्ध प्राथमिकी तो दर्ज करायी गयी, लेकिन उस बीडीओ की खोज होने लगी. जिन्होंने डीएम व डीडीसी के आदेश के बावजूद नीरपुर पंचायत के मुखिया के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी. राज्य स्तर से जारी आदेश के बाद जिला स्तर पर इस मामले की समीक्षा हुई. जिसमें यह बातें सामने आयी कि श्री कपूर के साथ साथ अन्य दो बीडीओ के कार्यकाल में मुखिया के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई, लेकिन इसमें सबसे अधिक दोषी श्री कपूर ही पाये गये. सूत्र बताते हैं कि डीएम ने पहली बार तब आदेश जारी किया था जब श्री कपूर ही बीडीओ के पद पर पदस्थापित थे. इनके कार्यवधि में दो बार जिला स्तर से आरोपी मुखिया पर प्राथमिकी दर्ज कराने के आदेश दिये गये थे. लगभग एक दशक पूर्व बरती गयी लापरवाही यानी आरोपी मुखिया पर प्राथमिकी दर्ज नहीं कराने के आरोप में अब इन पर आरोप पत्र गठित कर विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की गयी है.
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