खगड़िया : एक सप्ताह की मोहलत देते हुए डीएम अनिरुद्ध कुमार ने जिले के तीनों लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के आदेश का अनुपालन कराने का आदेश अलग-अलग विभागों के लोक प्राधिकारों को दिया है. पीजीआरओ के आदेश का अनुपालन नहीं कराने वाले लोक प्राधिकारों के वेतन रोके जाएंगे. अगर इसके बाद भी वे आदेश के अनुपालन कराने के प्रति गंभीर नहीं हुए तो उनपर कार्रवाई की जाएगी.
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आदेश का पालन नहीं हुआ,तो रुकेगा वेतन
खगड़िया : एक सप्ताह की मोहलत देते हुए डीएम अनिरुद्ध कुमार ने जिले के तीनों लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के आदेश का अनुपालन कराने का आदेश अलग-अलग विभागों के लोक प्राधिकारों को दिया है. पीजीआरओ के आदेश का अनुपालन नहीं कराने वाले लोक प्राधिकारों के वेतन रोके जाएंगे. अगर इसके बाद भी वे आदेश के […]
सूत्र के मुताबिक वर्ष 2016-17 में जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सहित सदर व गोगरी अनुमंडल के लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के द्वारा पारीत 255 आदेश अलग-अलग विभागों में धूल फांक रहे हैं. सुनवाई के बाद प्रखण्ड से लेकर जिलास्तर तक के लोक प्राधिकारों को आदेश की प्रति अनुपालन कराने को लेकर भेजे गए थे.
लेकिन बाबूओं के लापरवाही के कारण इतने समय बीत जाने के बाद भी इतने आदेश का अनुपालन दो साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी नहीं हो पाया है. जानकार बताते हैं कि आदेश का अनुपालन नहीं किये जाने के कारण आज भी पीजीआरओ के आदेश प्रति लेकर फरियादी न्याय के दफ्तर काट रहे हैं. वहीं ऐसे लोगों की संख्यां कई है जिन्हें समस्या के समाधान के लिये दोबारा शिकायत दर्ज करानी पड़ी है.
समीक्षा के दौरान ने तीन साल से तीनों पीजीआरओ के आदेश पर कुंडली मारकर बैठे कई लापरवाह पदाधिकारीयों को डीएम ने एक सप्ताह में आदेश का अनुपालन कराकर इसकी देने को कहा है. आदेश का अनुपालन नहीं कराने वालों के वेतन रोक दिये जाने की बातें डीएम ने कही है.
सुनवाई में नहीं आते हैं सदर सीओ
अनुमंडल कार्यालय में लोक शिकायत निवारण अधिनियम के तहत होने वाले सुनवाई में सदर सीओ के नहीं आने की बातें कही गई है. पीजीआरओ ब्रज किशोर चौधरी ने डीएम को यह जानकारी दी है कि सदर सीओ लगातार इस महत्वपूर्ण अधिनियम की अनदेखी कर रहे हैं. सुनवाई में सीओ स्वयं भाग नहीं लेते हैं.
इनके प्रतिनिधी भी सुनवाई में बगैर प्रतिवेदन के साथ उपस्थित होते हैं. श्री चौधरी ने डीएम को बताया है कि सुनवाई में भाग लेने वाले सीओ के प्रतिनिधी को विषय-वस्तु की जानकारी नहीं रहती है.
जिस कारण बाध्य होकर सुनवाई की तिथि आगे बढ़ानी पड़ जाती है. पीजीआरओ ने सीओ द्वारा आदेश का अनुपालन कराने में भी उदासीनता बरतने की बात कही है. जिसपर डीएम ने सीओ को स्वयं प्रतिवेदन के साथ सुनवाई में उपस्थित रहने के आदेश दिये, साथ ही डीसीएलआर को आदेश का अनुपालन कराने को कहा है.
सुनवाई में उपस्थिति के सख्त आदेश
सुनवाई के दौरान लोक प्राधिकार को स्वयं उपस्थित रहना होगा. लोक प्राधिकारों की उपस्थिति को लेकर बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन के द्वारा सख्त आदेश दिये गए हैं. अगर किसी कारण से स्वयं लोक प्राधिकार उपस्थित नहीं हो पाते हैं तो उनके अधीनस्थ पदाधिकारी सुनवाई में प्राधिकृत पत्र के साथ भाग लेंगे.
लेकिन उन्हें यह बताना होगा कि किस वजह से वे स्वयं सुनवाई में उपस्थित नहीं हो पाए हैं. राज्य स्तर से सुनवाई से लगातार अनुपस्थित रहने एवं आदेश के अनुपालन में लापरवाही बरतने वाले लोक प्राधिकारों पर कार्रवाई करने को कहा गया है.
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