खगड़िया : बिहार राज्य शिक्षक अपीलीय प्राधिकार द्वारा शिक्षक पद पर बहाली का आदेश लेकर चक्कर काट रहे दिव्यांग आवेदक को नोटिस देकर कार्यालय बुलाना डीइओ को महंगा पड़ सकता है.
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शिक्षक पद पर बहाली के लिए गये दिव्यांग से डीइओ कार्यालय में मांगी गयी रिश्वत
खगड़िया : बिहार राज्य शिक्षक अपीलीय प्राधिकार द्वारा शिक्षक पद पर बहाली का आदेश लेकर चक्कर काट रहे दिव्यांग आवेदक को नोटिस देकर कार्यालय बुलाना डीइओ को महंगा पड़ सकता है. भदास दक्षिणी निवासी दिव्यांग प्रमोद कुमार सक्सेना की शिकायत को डीएम अनिरुद्ध कुमार ने गंभीरता से लेते हुए डीइओ से जवाब तलब किया है. […]
भदास दक्षिणी निवासी दिव्यांग प्रमोद कुमार सक्सेना की शिकायत को डीएम अनिरुद्ध कुमार ने गंभीरता से लेते हुए डीइओ से जवाब तलब किया है. डीएम ने कहा कि जरूरत पड़ी तो पूरे मामले की जांच के लिये जिलास्तरीय टीम का गठन किया जायेगा.
पहले अवैध वसूली के लिये बाहरी व्यक्ति को कार्यालय में कुर्सी टेबल पर बैठाकर काम लेने का खुलासा और अब नोटिस देकर दिव्यांग को बुला कर काम करवाने के लिये शिक्षा विभाग का सिस्टम समझाते हुए रिश्वत की मांग का मामला चर्चा में है. इधर, दिव्यांग सक्सेना ने डीएम को आवेदन देकर डीइओ सहित कार्यालय में तैनात लिपिक पर गंभीर आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है. साथ ही बिहार राज्य अपीलीय प्राधिकार के आदेश का अनुपालन की गुहार लगायी गयी है.
पीड़ित दिव्यांग प्रमोद कुमार सक्सेना ने डीएम को आवेदन देकर कहा है कि मुझे राज्य अपीलीय प्राधिकार, पटना से पंचायत शिक्षक पद पर बहाल करने का आदेश प्राप्त है. डीइओ सहित नियोजन इकाई को अपीलीय प्राधिकार के आदेश की कॉपी लगाते हुए शिक्षक पद पर बहाल करने के लिये श्री सक्सेना ने आवेदन दिया था.
इसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी अपने कार्यालय के पत्रांक 1225 दिनांक 11.06.2019 के माध्यम से दिव्यांग को बुलाया, लेकिन डीइओ कार्यालय में कार्यरत लिपिक रुपेश कुमार द्वारा कहा गया कि तुम सिस्टम में आओ, कुछ खर्चा करो तब तुम्हारा काम होगा.
डीइओ द्वारा नोटिस देना गलत : डीएम
डीएम अनिरुद्ध कुमार ने कहा कि जब बिहार राज्य शिक्षक अपीलीय प्राधिकार ने दिव्यांग प्रमोद कुमार सक्सेना को शिक्षक पद पर बहाल करने का आदेश दिया है तो फिर डीइओ द्वारा नोटिस देकर पीड़ित श्री सक्सेना को नोटिस देकर बुलाया जाना गलत है. ऐसा डीइओ ने क्यों किया, इस बारे स्पष्ट करने को कहा गया है.
डीइओ कार्यालय में तैनात लिपिक के खिलाफ पीड़ित दिव्यांग ने शिक्षक पद पर बहाल करने के एवज में रिश्वत मांगे जाने की शिकायत की है. जिसकी जांच कर डीइओ से रिपोर्ट मांगा गया है. जरूरत पड़ी तो पूरे मामले में जिलास्तरीय टीम का गठन कर जांच करायी जायेगी. किसी भी सरकारी कार्यालयों में रिश्वतखोरी करने वाले बख्शे नहीं जायेंगे.
डीएम ने कहा, नोटिस देकर दिव्यांग प्रमोद को डीइओ द्वारा बुलाया जाना नियमत: गलत, रिश्वत मांगने की होगी जांच
दिव्यांग प्रमोद सक्सेना ने डीएम को आवेदन देकर खगड़िया डीइओ कार्यालय में रिश्वत मांगने की शिकायत की
डीइओ ने सुनवाई के नाम पर नोटिस देकर दिव्यांग को बुलाया, लिपिक पर काम के एवज में रिश्वत मांगने का आरोप
डीइओ द्वारा नोटिस देना गलत : डीएम
डीएम अनिरुद्ध कुमार ने कहा कि जब बिहार राज्य शिक्षक अपीलीय प्राधिकार ने दिव्यांग प्रमोद कुमार सक्सेना को शिक्षक पद पर बहाल करने का आदेश दिया है तो फिर डीइओ द्वारा नोटिस देकर पीड़ित श्री सक्सेना को नोटिस देकर बुलाया जाना गलत है.
ऐसा डीइओ ने क्यों किया, इस बारे स्पष्ट करने को कहा गया है. डीइओ कार्यालय में तैनात लिपिक के खिलाफ पीड़ित दिव्यांग ने शिक्षक पद पर बहाल करने के एवज में रिश्वत मांगे जाने की शिकायत की है. जिसकी जांच कर डीइओ से रिपोर्ट मांगा गया है. जरूरत पड़ी तो पूरे मामले में जिलास्तरीय टीम का गठन कर जांच करायी जायेगी. किसी भी सरकारी कार्यालयों में रिश्वतखोरी करने वाले बख्शे नहीं जायेंगे.
लिपिक रुपेश ने कहा, देना होगा खर्चा तब होगा काम
बिहार राज्य अपीलीय प्राधिकार से शिक्षक पद पर बहाल करने का आदेश लेकर घूम रहे दिव्यांग प्रमोद कुमार सक्सेना द्वारा डीएम को दिये आवेदन के अनुसार जिला शिक्षा पदाधिकारी ने अपने कार्यालय के पत्रांक 1225 दिनांक 11.06.2019 के माध्यम से बुलाया, कार्यालय में कार्यरत लिपिक रुपेश कुमार ने कहा कि ‘तुम सिस्टम में आओ, कुछ खर्चा करो तब तुम्हारा काम होगा’. मैं विकलांग शिक्षक हूं, मेरे पास खाने को सही से ठिकाना नहीं है, तो शिक्षा विभाग के सिस्टम का पालन कैसे करूंगा.
सब आरोप झूठे व मनगढ़ंत : डीइओ
पूरे मामले में जब डीइओ राजकिशोर सिंह से पूछा गया तो उन्होंने एक लाइन में कहा कि सारे आरोप झूठे व मनगढ़ंत हैं. बिना जांच किये ही, आरोप को झूठा बताने के बारे में पूछते ही डीइओ ने फोन काट दिया.
खाने का ठिकाना नहीं, रिश्वत कहां से दें
शिक्षा विभाग के सिस्टम के काले सच की मार झेल रहे दिव्यांग प्रमोद कहते हैं कि मेरे पास खाने का भी सही से ठिकाना नहीं है, तो डीइओ कार्यालय के सिस्टम का पालन करूंगा. उन्होंने कहा कि पहले ही आर्थिक व शारीरिक रूप से परेशान हैं और अब राज्य अपीलीय प्राधिकार से आदेश लेकर सरकारी कार्यालयों का चक्कर काटने का विवश हैं.
पूरे मामले की शिकायत डीएम व क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक, मुंगेर को आवेदन देकर शिक्षा विभाग के सिस्टम का पालन करने में असमर्थता जताते हुए शिक्षक पद पर बहाल करवाने की गुहार लगायी है.
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