अब 30 अप्रैल तक होगा रजिस्ट्रेशन प्रतिनिधि, कटिहार. प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत पात्र परिवारों के सर्वेक्षण को लेकर एक महीने की तिथि विस्तार की गयी है. ग्रामीण विकास विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने डीडीसी को पत्र लिख कर इस आशय की जानकारी दी है. पत्र में विभाग के सचिव ने कहा है कि ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार से प्राप्त दिशा-निर्देशों से प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अंतर्गत योजना की प्रतीक्षा सूची से छूटे हुए योग्य परिवारों का सर्वेक्षण करते हुए उनका नाम सर्वेक्षण सूची में शामिल करने को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया था. सर्वेक्षण की अंतिम तिथि दिनांक 31 मार्च 2025 निर्धारित थी. ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा सर्वेक्षण कार्य दिनांक 30 अप्रैल 2024 तक विस्तारित करने की सूचना दी गयी है. साथ ही इस विस्तारित अवधि में योजना की प्रतीक्षा सूची से छूटे हुए व नवसृजित परिवारों का शत-प्रतिशत सर्वेक्षण कर आवास प्लस, 2024 की सूची में शामिल करने का निर्देश प्राप्त है. गतिविधियों के जरिये जागरूक करने का निर्देश ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से सर्वेक्षण के क्रम में सभी योग्य लाभुकों का नाम सर्वेक्षण सूची में शामिल करने के उद्देश्य से योग्य परिवारों को जागरूक करने के लिए विभिन्न प्रकार के आइईसी एक्टिविटी करने का भी निर्देश दिया गया है. लाभुकों को जागरूक करने संबंधित फोटो व वीडियो की मांग भी मंत्रालय द्वारा की गयी है. साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि आवास विहीन सुयोग्य भूमिहीन परिवारों का भी सर्वेक्षण किया जाना है. इसमें किसी भी स्तर पर कोई भ्रम की स्थिति नहीं रहनी चाहिए. इसलिए प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अंतर्गत लाभुकों के सर्वेक्षण के लिए विस्तारित अवधि 30 अप्रैल तक विभिन्न प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से लाभुकों को जागरूक करते हुए शत-प्रतिशत योग्य लाभुकों का नाम सर्वेक्षण सूची में शामिल करने को लेकर आवश्यक कार्रवाई की जाये. सर्वेक्षण के लिए अपात्रता के मापदंड डीडीसी ने बताया कि वैसे परिवार जिनका पक्का आवास हो. मोटरयुक्त तिपहिया या चौपहिया वाहन, मशीनी तिपहिया व चौपहिया कृषि उपकरण, 50000 रुपये अथवा इससे अधिक ऋण सीमा वाले किसान क्रेडिट कार्ड वाले को अपात्रता की श्रेणी में रखा गया है. साथ ही वे परिवार, जिनका कोई सदस्य सरकारी कर्मचारी हो, सरकार के पास पंजीकृत गैर-कृषि उद्यम वाले परिवार, वे परिवार जिनका कोई सदस्य 15000 रुपये से अधिक प्रति माह कमा रहा हो. आयकर देने वाले परिवार, व्यवसाय कर देने वाले परिवार, 2.5 एकड़ या इससे अधिक सिंचित भूमि वाले परिवार, पांच एकड़ या इससे अधिक असिंचित भूमि वाले परिवार भी अपात्रता के श्रेणी में है.
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