– आक्रोशित परिजनों ने सदर अस्पताल में किया हंगामा व तोड़फोड़ अस्पताल डयूटी पर तैनात डॉक्टर के साथ की हाथापाई फोटो 13,14 कैप्शन- मौके पर पहुंची पुलिस, हंगामा करते परिजन प्रतिनिधि, कटिहार कटिहार के दो परिवारों के लिए गुरुवार का दिन किसी काला दिन से कम नही रहा. सदर अस्पताल में उस समय हंगामा मच गया. जब एक 10 साल की बच्ची की सांप डसने से मौत हो गयी. मृत बच्ची की पहचान सहायक थाना क्षेत्र के ललियाही मोहल्ला निवासी प्रभु पासवान की बेटी प्रियांशी कुमारी के रूप में हुई. बच्ची को सांप डसने पर परिजनों ने देर शाम सदर अस्पताल लेकर पहुंचे लेकिन प्रियांशी की जान नहीं बच पायी. परिजनों ने सदर अस्पताल में डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया. ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर के साथ हाथापाई भी की. परिजनों के मुताबिक प्रियांशी को सांप ने डस लिया था. जिसके बाद उसे गंभीर हालत में सदर अस्पताल लाया गया. आरोप है कि वहां मौजूद डॉक्टर की जगह प्रशिक्षु छात्रों ने प्रियांशी का इलाज शुरू कर दिया. छात्रों ने बच्ची को एक इंजेक्शन दिया और काटे गये स्थान के पास बांधी गई पट्टी को भी खोल दिया. इसके बाद बच्ची की तबीयत तेजी से बिगड़ने लगी और थोड़ी देर में ही उसकी मौत हो गयी. मौत की सूचना मिलते ही गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में तोड़फोड़ शुरू कर दी. इस दौरान ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर सुशांत कुमार से भी परिजनों के द्वारा मारपीट की गयी. स्थिति बिगड़ते देख अस्पताल प्रशासन ने तुरंत नगर थाना को सूचना दी. नगर थाना अध्यक्ष दलबल के साथ अस्पताल पहुंचे. मामला को बढ़ता देख एएसपी सद्दाम हुसैन भी अस्पताल पहुंचे. परिजनों को शांत करने की कोशिश की. पीड़ित पिता प्रभु पासवान ने आरोप लगाया डॉक्टरों की लापरवाही और अप्रशिक्षित छात्रों द्वारा इलाज किए जाने की वजह से उनकी बेटी की जान चली गयी. आक्रोशित भीड़ को देखकर अस्पताल के डॉक्टर और स्वस्थ कर्मी जितने भी थे वह अस्पताल को छोड़कर सब भाग खरे हुए. अस्पताल में काफी देर तक हंगामा चलता रहा. जहां परिजनों ने सदर अस्पताल में तोड़फोड़ की घटना को भी अंजाम दिया. परिजनों का कहना था कुछ देर के बाद प्रियांशी को होश आया था. लेकिन अस्पताल में डॉक्टर नहीं मिले. सब गायब हो गए थे. सिविल सर्जन डॉक्टर जितेंद्र नाथ सिंह को सूचना देकर अस्पताल बुलाया गया. जहां उनके पहुंचने के बाद बच्ची की जांच की और उन्हें मृत घोषित कर दिया. हालांकि पुलिस के द्वारा काफी समझाने बुझाने के बाद आक्रोशित परिजन माने और बच्ची के शव को लेकर घर को चले गये. समय पर नहीं हुआ इलाज कर दिया रेफर, मौत दूसरी घटना कुर्सेल गांव की है. जहां छह साल की बच्ची की भी मौत सर्प दंश के कारण ही हो गयी. गुरूवार की सुबह बच्ची को सांप ने काटा था. जिसके बाद परिवार वालों ने फोरन बच्ची को लेकर सदर अस्पताल पहुंचे थे. इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने बच्ची को देखते ही उन्हें हायर सेंटर रेफर करते हुए मेडिकल कॉलेज भेज दिया. परिवार वाले बच्ची को लेकर तुरंत भागे भागे मेडिकल कॉलेज पहुंचे. परिजनों की माने तो वहां पर डॉक्टर ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में सर्प डंस का इलाज नहीं होता है. उल्टे पांव परिजन बच्ची को लेकर सदर अस्पताल पहुंचे. लेकिन बच्चे की हालत रास्ते में खराब होती चली गयी और जब तक वह सदर अस्पताल पहुंचते बच्ची की मौत हो गई थी. परिजनों ने आरोप लगाया कि बच्ची को समय पर सदर अस्पताल लेकर पहुंच गए थे. लेकिन डॉक्टर ने उनका उपचार शुरू नहीं किया. बल्कि उन्हें रेफर कर दिया. यदि समय रहते उनका इलाज शुरू कर दिया जाता तो बच्ची की जान नहीं जाती. बच्ची की मौत के बाद परिवार वालों ने सदर अस्पताल के कार्यशैली पर सवाल खड़े किये. कहते है सिविल सर्जन सिविल सर्जन डॉक्टर जितेंद्र नाथ सिंह ने बताया कि सर्प दंश के बाद बच्ची को अस्पताल में भर्ती किया गया था. जिनका उपचार भी शुरू किया गया था. बच्ची की मौत हुई है. इसको लेकर जांच की जायेगी. बच्ची को क्या इंजेक्शन दिया गया और क्या उपचार किया गया सभी की जांच होगी. इस मामले में जो भी दोषी होंगे उन पर विधि संवत जरूर कार्रवाई होगी.
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