# पंचायत चुनाव में प्रत्याशी अपने वाहनों से ले जाते है मतदाताओं को कटराकला मतदान केंद्र # विधानसभा व लोकसभा चुनाव में पांच किमी की दूरी तय कर बहुत कम वोटर जाते हैं मतदान करने # बहुआरा में मतदाताओं की संख्या 520 से अधिक, फिर भी मतदान केंद्र नही # प्रभात खास # मोहनिया सदर. एक तरफ जहां चुनाव आयोग व प्रशासनिक अधिकारी मतदाताओं से शत-प्रतिशत मतदान करने की अपील करने के साथ सुगमता से मतदान कराने की बात करते हैं, वहीं क्या बहुआरा के मतदाता विधानसभा चुनाव में पांच किलोमीटर की दूरी तय कर शत-प्रतिशत मतदान कर सकेंगे? क्या प्रशासन इन मतदाताओं को बूथ तक जाने आने की सुविधा उपलब्ध करायेगा, यह प्रश्न मतदाताओं को बार-बार परेशान कर रहा है. जी हां, हम बात कर रहे हैं मोहनिया विधानसभा क्षेत्र के पूर्वी भाग में अवस्थित उस कटराकला पंचायत के बहुआरा गांव की, जहां के अधिकतर मतदाता गांव में मतदान केंद्र नहीं होने से सिर्फ पंचायत चुनाव में ही अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए पांच किलोमीटर की दूरी तय कर पंचायत मुख्यालय कटराकला में बने मतदान केंद्रों पर जाते हैं. क्योंकि, पंचायत स्तरीय चुनाव में मतदाताओं को निजी वाहन से प्रत्याशी अपने पक्ष में मतदान करने के लिए बूथ तक लाते हैं और फिर मतदान के बाद वापस घर तक पहुंचाते हैं. विधानसभा व लोकसभा चुनाव में यहां के अधिकतर मतदाता कोई दिलचस्पी नहीं लेते, जिसका कारण है कि पांच किलोमीटर दूर मतदान करने के लिए जाना अधिकतर वोटर पसंद नहीं करते हैं. ऐसे में क्या मतदान का प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद की जा सकतीं है. मतदान केंद्र की दूरी अधिक होने की वजह से यहां के अधिकतर मतदाता भले ही अपने मताधिकार से वंचित रह जाएं, लेकिन चुनाव आयोग व प्रशासन के लोग भी इसे गंभीरता से नहीं लेते, जबकि लंबे समय से विधायक, सांसद से लेकर वरीय अधिकारियों तक से बहुआरा गांव के मतदाता बहुआरा गांव में ही मतदान केंद्र बनाने की गुहार लगाते रहे हैं, लेकिन हर बार प्रशासनिक अधिकारी इनकी मांग को अनसुना कर देते हैं. प्रशासनिक उपेक्षा के कारण आजादी के 78 वर्ष बाद भी बहुआरा के ज्यादातर मतदाता सिर्फ इसलिए अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाते हैं, क्योंकि लगभग 950 की जनसंख्या वाली इस आबादी के लगभग 520 से अधिक मतदाताओं को सुगमता से अपने मताधिकार का उपयोग करने के लिए बहुआरा में मतदान केंद्र बनाया ही नहीं गया है. इसका नतीजा है कि लगभग 90 प्रतिशत महादलित आबादी वाले बहुआरा के निम्न तबके के वोटर पांच किलोमीटर की दूरी तय कर अपने क्षेत्र, राज्य व देश के विकास के लिए किसी भी राजनीतिक दल के प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने के लिए कटराकला में बनाये गये मतदान केंद्र तक पहुंच ही नहीं पाते हैं. क्या कहते हैं बहुआरा के मतदाता – बहुआरा के सत्येंद्र चौधरी कहते है कि हम लोगों के गांव में मध्य विद्यालय है, लेकिन उसमें मतदान केंद्र कभी नहीं बनाया जाता है. इसकी वजह से पांच किलोमीटर दूर कटराकला में वोट देने जाना पड़ता है, जो हर बार संभव नहीं होता है, यहां बूथ होना जरूरी है. – जगन साह कहते हैं कि हम लोग तो क्या हमारे पूर्वज भी बहुआरा में बूथ बनाने की मांग हर बार विधायक, सांसद व प्रशासन से करते रहे हैं, लेकिन आज तक इसे किसी ने गंभीरता से नहीं लिया. जबकि, काफी बाद में भगवानपुर में मतदान केंद्र बनाया गया है, यहां भी मतदान केंद्र जरूर होना चाहिए. – बहुआरा की वृद्ध मतदाता रीताबी देवी कहती है कि मुखिया का चुनाव आता है तो लोग गाड़ी से हम लोगों को वोट डालने के लिए कटराकला ले जाते है और वोट देने के बाद घर पहुंचाते हैं, हम जानते ही नहीं कि विधानसभा व लोकसभा चुनाव क्या होता है. हम लोग सिर्फ मुखिया के चुनाव में वोट देने जाते हैं. – कश्मीरा देवी कहती है कि हम लोग पंचायत चुनाव में वोट देने कटराकला गाड़ी से जाते है, जो लोग चुनाव लड़ते हैं वही लोग गाड़ी से केंद्र तक ले जाते है. कटराकला लगभग दो कोस दूर है, इसलिए और किसी चुनाव में वोट देने नहीं जा पाते हैं. – विरेंद्र कुमार गुप्ता कहते हैं कि सबसे अधिक समस्या तो महिलाओं को होती है. यह संभव नहीं है कि पांच किलोमीटर चलकर कटराकला बूथ पर मतदान करने के लिए महिलाएं जायेंगी, इसलिए यहां की अधिकांश महिला मतदाता लोकतंत्र में अपनी भागीदारी सुनिश्चित नहीं कर पाती हैं. 6- संदीप कुमार कहते है कि बहुआरा में सबसे अधिक आबादी महादलित समुदाय की है, यहां मतदाताओं की संख्या लगभग 500 से अधिक है. विधानसभा व लोकसभा सीट भी सुरक्षित है, यहां उत्क्रमित मध्य विद्यालय अवस्थित है इसके बावजूद यहां मतदान केंद्र नही बनाया जा रहा है, जिसकी वजह से अधिकांश मतदाता कटराकला में मतदान करने नही पहुंच पाते हैं.
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