Kaimur News : भभुआ सदर. पिछले 30 मार्च को गर्म दूध शरीर पर गिरने से गंभीर रूप से झुलसी और सदर अस्पताल के बर्न वार्ड में इलाजरत एक पांच वर्षीय बच्ची की मंगलवार सुबह मौत हो गयी. मृत बच्ची चैनपुर थानाक्षेत्र के भैंसहट गांव निवासी मनोज यादव की बेटी प्रिया कुमारी बतायी जाती है. बच्ची की मौत होने के बाद परिजन डॉक्टर व कर्मियों पर इलाज में लापरवाही बरतने और गलत इंजेक्शन देकर मारने का गंभीर आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया. इस दौरान आक्रोशित परिजनों ने मौके पर मौजूद डॉ शाहिल राज से अमर्यादित व्यवहार करते हुए बर्न वार्ड के इंचार्ज जीएनएम अशोक कुमार को पीट दिया. सूचना पर एसीएमओ डॉ शांति कुमार मांझी, डॉ सत्यस्वरूप, अस्पताल उपाधीक्षक डॉ विनोद कुमार, डीपीएम ऋषिकेश जायसवाल सहित अन्य अधिकारी आ गये, लेकिन परिजन सदर अस्पताल में गलत इलाज करने और बच्ची का इलाज करनेवाले डॉक्टर को बुलाने की मांग करते हुए हंगामा करते रहे. जब परिजनों का हंगामा नहीं रुका तो पुलिस को सूचना दी गयी. सूचना पर तत्काल ही भभुआ थाने के अपर थानाध्यक्ष रौशन कुमार के साथ भारी संख्या में पुलिस पहुंच गयी, जिसके बाद अस्पताल के अधिकारियों व पुलिस द्वारा बच्ची की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों को समझाया गया, लेकिन परिजन फिर भी मानने को तैयार नहीं हुए, वह बस इलाज करनेवाले डॉक्टर को बुलाने की मांग करते रहे. हालांकि, काफी समझाने के बाद परिजन मृत बच्ची का पंचनामा कर शव का पोस्टमार्टम कराने को तैयार हुए. इस दौरान लगभग डेढ़ घंटे तक सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के समीप हल्ला-हंगामा होता रहा. गौरतलब है कि भैंसहट गांव निवासी मनोज यादव की बेटी पांच वर्षीय प्रिया कुमारी के शरीर पर गर्म दूध गिर जाने के चलते उसे इलाज के लिए 30 मार्च को भभुआ सदर अस्पताल लाया गया था. दूध से लगभग 65 प्रतिशत तक आगे का हिस्सा झुलसा होने के चलते बच्ची को बर्न वार्ड में भर्ती कर इलाज किया जा रहा था. इसी दौरान मंगलवार को 12 बजे के करीब अचानक बच्ची ने इलाज के क्रम में ही दम तोड़ दिया. मृत बच्ची के पिता मनोज यादव का कहना था कि उसकी बच्ची भर्ती करने के बाद ठीक थी. मंगलवार सुबह डॉक्टर भी उसकी बच्ची को देखने आये थे. मंगलवार को ही उसकी बच्ची को एक स्वास्थ्यकर्मी द्वारा इंजेक्शन दिया गया, जिसके बाद उसकी बच्ची की तबीयत बिगड़ने लगी और कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गयी. इधर, मृत बच्ची के पिता ने आरोप लगाया है कि उसकी बच्ची की स्थिति गंभीर थी तो उसे रेफर क्यों नही किया गया, उनका कहना है कि डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा इलाज में लापरवाही बरती गयी, जिसके चलते उसकी इकलौती बेटी की मौत हो गयी. = सदर अस्पताल पहले भी हो चुकी है कई मौत इसके पूर्व भी सदर अस्पताल में डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा लापरवाही बरतने, भर्ती वार्ड में डॉक्टरों के नहीं जाने की वजह से कई मरीजों की मौत हो चुकी है. कई बार मौत पर हंगामा भी हुआ, लेकिन अस्पताल की व्यवस्था है कि सुधरने का नाम नहीं ले रही है. मौत के बाद कुछ देर तक हल्ला हंगामा होता है, मामले की जांच कर कार्रवाई का आश्वासन भी दिया जाता है. लेकिन मामला ठंडा पड़ते ही सदर अस्पताल की व्यवस्था सुधरने की जगह पुनः पुराने ढर्रे पर चल निकलती है. = मामले की जांच कर होगी कार्रवाई मंगलवार को सदर अस्पताल में इलाजरत दूध से झुलसी बच्ची की मौत पर सिविल सर्जन डॉ चंदेश्वरी रजक का कहना था कि बच्ची 65 प्रतिशत जली हुई थी, जिसका इलाज भर्ती कर किया जा रहा था, जिसकी मंगलवार को मौत हो गयी है. उन्होंने पांच वर्षीय बच्ची के इलाज में डॉक्टर द्वारा लापरवाही बरतने और गलत इंजेक्शन लगाने से इंकार किया. साथ ही कहा कि बच्ची को देखने के लिए मंगलवार को हॉस्पिटल सुपरिटेंडेंट डॉ विनोद भी बर्न वार्ड में गये थे. परिजनों द्वारा जो भी आरोप लगाया जा रहा है वह बेबुनियाद हैं. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि परिजन शिकायत करते हैं तो मामले की जांच कर कार्रवाई की जायेगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

