मोहनिया सदर. हाय रे प्रशासन! ये तेरी कैसी बेबसी, तेरे ही आंगन में गंदे पानी का जमाव, कूड़ा कचरा का ढेर, दम घुटाने वाली निकलती दुर्गंध, गंदे पानी में लोटते सूअरों का परिवार, लोगों के बीच सरपट दौड़ते सूअरों के झुंड के आतंक से लोग परेशान हैं, लेकिन प्रशासन मौन है. कुछ ऐसे ही हालात हैं सरकार को एक वर्ष में लगभग 33 करोड़ का राजस्व देने वाले अवर निबंधन कार्यालय में, जहां सुविधाओं की भारी कमी है. साथ ही उक्त कार्यालय के बगल में फैली गंदगी से निकलती सड़ांध जैसी दुर्गंध ने अपनी जमीन की खरीद-बिक्री करने के लिए प्रखंड मुख्यालय आने वाले सैकड़ों लोगों का सांस लेना भी मुश्किल कर दिया है. लोग गमछा व रुमाल से अपनी नाक बंद कर जमीन की खरीद, बिक्री करने के लिए विवश है. लेकिन, संबंधित पदाधिकारियों व कर्मियों का लोगों की इन परेशानियों से कोई वास्ता नहीं, जबकि गंदगी और गंदे जानवरों के आतंक से मुख्यालय परिसर में अवस्थित विभिन्न विभागों के कार्यालयों में अपने तमाम तरह के कार्यों को लेकर आने वाले लोग परेशान हैं. लोगों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाने वाले हुक्मरान ही गंदगी और दुर्गंध से घिरे हैं, उनका आंगन ही गंदे पानी का जमाव, कूड़ा कचरा का ढेर व सुअरों का रैन बसेरा बन चुका है, फिर भी हाकिमों की बेबसी भरी निगाहें सब कुछ चुपचाप टुकुर- टुकुर देखती रहती है. प्रखंड मुख्यालय परिसर में गंदे पानी का जलजमाव व गंदगी सुअरों के लिए सुरक्षित चारागाह व रैन बसेरा बन गया है. आलम यह है कि कभी-कभी तो सुअरों का झूंड जमीन की खरीद बिक्री करने के लिए अवर निबंधन कार्यालय के शेड के नीचे बैठे व खड़े लोगों के बीच से फर्राटा भरते हुए अपनी पूंछ से लोगों के कपड़ों पर गंदगी की बौछार करते हुए निकल जाते हैं और लोग बेबस व लाचार होकर सब कुछ बर्दाश्त कर लेते हैं. मुख्यालय परिसर की चहारदीवारी भी सभी तरफ से टूटी पड़ी है, जिससे दर्जनों की संख्या में सूअर बिना किसी रुकावट के परिसर में जिधर मन उधर हाकिमों के सामने सरपट दौड़ते रहते हैं, लेकिन अपने वातानुकूलित कार्यालय में बैठे इन हाकिमों को शायद ही फर्क पड़ता हो, ये तो बंद गाड़ी से अपने कार्यालय पहुंचे और कार्यालय से निकले तो बंद गाड़ी में सवार होकर आवास पहुंच गये, इनको लोगों की परेशानियों से शायद कोई सरोकार नहीं. # न बैठने की और न ही स्वच्छ टाॅयलेट की सुविधा कार्यालय अवधि में अनुमंडल क्षेत्र के पांच प्रखंडों मोहनिया, कुदरा, दुर्गावती, रामगढ़ व नुआंव के विभिन्न गांवों के साथ मोहनिया, कुदरा व रामगढ़ नगर पंचायत क्षेत्र से बड़ी संख्या में महिला व पुरुष जमीन की खरीद व बिक्री के लिए अवर निबंधन कार्यालय पहुंचते है, जिनको बैठने के लिए शेड तो बनाया गया है, लेकिन उसमें सीट की समुचित व्यवस्था नहीं है. इसका नतीजा है कि सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व देने वाले लोग जमीन पर ही बैठने काे विवश है. पुरुष यूरिनल (पेशाब घर) में दरवाजा नहीं है, टाॅयलेट में लगे दरवाजे का निचला भाग टूट चुका है और इसमें गंदगी का अंबार लगा है. जहां टाॅयलेट से निकलती दुर्गंध से उसमें कोई जाना पसंद भी नहीं करता है, लेकिन जाये तो कहां? # वर्ष 2012 में संचालित हुआ रजिस्ट्री आफिस प्रखंड मुख्यालय परिसर के पूर्वी भाग में अवस्थित कृषि विभाग के दूसरे भवन में वर्ष 2012 में अवर निबंधन कार्यालय को संचालित किया गया, तब से अब तक लगभग 360 करोड़ रुपये का राजस्व विभाग को जमीन की खरीद, बिक्री से प्राप्त हो चुका है. जिले में सबसे अधिक सरकार को राजस्व देने वाले इस विभाग में राजस्व दाताओं के लिए ही सुविधाएं नदारत है. # स्वच्छता का पाठ पढ़ाने वाले ही गंदगी से है घिरे प्रखंड मुख्यालय परिसर में प्रखंड कार्यालय, अंचल कार्यालय, मनरेगा कार्यालय, शिक्षा विभाग का कार्यालय, कृषि विभाग कार्यालय, बाल विकास परियोजना कार्यालय, प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी का कार्यालय, अवर निबंधन कार्यालय, पुलिस निरीक्षक कार्यालय, प्रखंड कल्याण पदाधिकारी का कार्यालय, बीआरजीएफ भवन, अभिलेखागार, अंचल राजस्व कर्मियों का कार्यालय, प्रमुख का कार्यालय, सहित बीडीओ, सीओ, एसडीएम आवास व इसी से सटे एसडीपीओ आवास के साथ कई कर्मियों के सरकारी आवास अवस्थित है. उक्त सभी पदाधिकारी लोगों के बीच स्वच्छता व साफ सफाई का ढिंढोरा पीटते है, स्वच्छता जागरूकता अभियान के दौरान बड़ी बड़ी बातें करते है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि इनमें से अधिकांश के आवास व कार्यालय के आसपास गंदे पानी का जमाव लगा हुआ है, जिसमें लोटता सूअरों का झुंड पूरे परिसर में दौड़ लगाते रहते है. अपनी पूंछ से गंदगी की बौछार करते लोगों के बीच से निकल जाते है और लोग अपने नसीब व हाकिमों को कोसते हुए चले जाते है, ऐसा है प्रखंड मुख्यालय परिसर का परिदृश्य. # क्या कहते हैं लोग 1- सुदामा राम कहते है कि हम तो यहीं दस्तावेज लेखक के पास रहते है, शेड के पूरब तरफ गंदा पानी का जमाव है. उसमें सुअरों का परिवार विचरण करता है, कूड़ा कचरा का ढेर लगा हुआ है. उससे निकलती दुर्गंध सांस नहीं लेने देतीं है. लेकिन हम लोग करें तो क्या और जाएं तो कहां? साहब लोग कभी इस तरफ ध्यान ही नहीं देते हैं. 2- जमीन की खरीद करने आये रामगढ़ थाना क्षेत्र के सराय गांव के गिरजा राम ने कहा कि गंदगी और उससे निकलती दुर्गंध से यहां एक मिनट रुकना मुश्किल है, लेकिन लोग करें क्या? मजबूरी है. हम जैसे जमीन की खरीद करने वाले लोगों से ही विभाग को राजस्व मिलता है, लेकिन सुविधा कुछ नही़ं है, हम लोगों के बीच से होकर सूअर भागता हुआ गया, गंदे पानी में लोटे हुए था कई लोगों के कपड़े पर पूंछ की गंदगी छिड़क दिया, क्या करें लोग. 3- जमीन की रजिस्ट्री कराने अवर निबंधन कार्यालय पहुंचे एमएससी के छात्र विकास कुमार ने कहा कि जो अधिकारी गांवों में जाकर स्वच्छता पर डींगे हांकते है उनके ही कार्यालय परिसर में चारों तरफ गंदगी का अंबार है. गंदा पानी जहां तहां भरा हुआ है, उसमें लोटने वाले सुअरों का कुनबा पूरे परिसर में दौड़ लगाते है,. यहां आने वाले लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है. इस गंदगी से संक्रामक बीमारी फैलने का भी खतरा है, फिर भी अधिकारी ध्यान नही दे रहे हैं # बोले रजिस्ट्रार इस संबंध में पूछे जाने पर अवर निबंधन पदाधिकारी अरविंद कुमार पांडेय ने कहा कि लोगों का कहना उचित है, लेकिन हमारे विभाग का भवन नहीं है, बहुत जल्द ही अवर निबंधन कार्यालय का अपना भवन बनेगा, जहां लोगों को सभी सुविधाएं मिलेंगी
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