कर्मनाशा. दुर्गावती प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत खजुरा पड़ाव सरैंया गांव स्थित हजरत अंजान शहीद बाबा का सालाना उर्स सोमवार की रात शानो शौकत व भाईचारे के साथ धूमधाम से मनाया गया. बाबा के मजार पर हजारों की तादाद में चादर चढ़ा कर दुआएं मांगी और रात भर शानदार जवाबी कव्वाली का लोगों ने जमकर लुत्फ उठाया. इस अवसर पर सुबह कुरान ख्वानी शाम को चादरपोशी तथा रात में मशहूर कव्वाल अजमत आफताब वारसी अमरोहा यूपी व नाज वारसी कव्वाल वाराणसी यूपी के बीच शानदार मुकाबला हुआ. इस दौरान कार्यक्रम का मुख्य अतिथि रहे पूर्व बसपा विधायक प्रत्याशी रामगढ़ विधानसभा सह प्रदेश महासचिव बसपा सतीश यादव उर्फ पिंटू ने फीता काटकर कव्वाली समारोह का उद्घाटन किया. कमेटी सदस्यों ने उनका स्वागत पगड़ी बांध कर और माला पहनाकर किया. कव्वाली शुरू होने से पूर्व सरैया गांव स्थित मस्जिद के पास से शाम चार बजे से जुलूस के साथ बाबा का चादर उठा तथा खजुरा बाजार नौबतपुर होते मजार पर आकर चादरपोशी की गयी. चादरपोशी के दौरान यूपी-बिहार के काफी संख्या में सभी समुदाय के लोगों ने मुल्क की तरक्की व अमन-चैन के लिए दुआ की. इस दौरान सुबह से ही दरगाह शरीफ पर लोगों का तांता लगा रहा. उर्स के मौके पर मजार को बड़े दिलकश अंदाज में सजाया गया था. यहां आकर्षक पंडाल तथा रंग-बिरंगे झूमर और लाइटिंग उर्स की भव्यता के चार चांद लगा रहे थे. उर्स मौके पर परंपरागत महिला व पुरुष कव्वाली मुकाबला का शानदार आयोजन किया गया. इस दाैरान विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व जिला पार्षद सह जन सुराज के जिलाध्यक्ष आनंद कुमार सिंह, एयाज खां, बसपा प्रखंड अध्यक्ष शशिकांत यादव आदि मौजूद रहे. इस दौरान बसपा नेता सतीश यादव उर्फ पिंटू ने संबोधित करते हुए कहा कि उर्स के मौके पर यहां यूपी-बिहार के आये हजारों श्रद्धालुओं को मेरी शुभकामनाएं हैं. कहा कि समाज में एकजुटता व भाईचारा स्थापित करने के लिए ऐसे आयोजनों से हम सबको सीख लेना चाहिए, बहुत खुश नसीब होते हैं जो उर्स के मौके पर पहुंच कर दुआएं हासिल करते हैं. तत्पश्चात यूपी से आये मशहूर कव्वाल अजमत अफताब वारसी व कव्वाला नाज वारसी के बीच कड़ा मुकाबला शुरू हुआ. उर्स में कव्वाल पार्टियों ने एक से बढ़कर एक कलाम प्रस्तुत किये. नाज वारसी कव्वाल वाराणसी के दुलारों की क्या शान है और शहीदों का उम्मत पर एहसान है, परचमे हक जमाने में ऊंचा किया, सर कटाया मगर सर नही झुकाया, आप ही दोनों आलम के सुल्तान हैं, आपही सारी नबीयों के जीशान हैं. वहीं, अजमत अफताब कव्वाल ने मांगों दुआ वसीले से खाली न जाये. अरसे आजम पे प्यारे नवी के शिवा, और किसी को खुदा ने बुलाया नहीं, किस्मत खुल जाने तक मेरा, मौका आया है. इसी लिए ख्वाजा ने हमें अजमेर बुलाया है आदि एक से बढ़कर एक कव्वाली की प्रस्तुत ते श्रोता को झूमने पर मजबूर कर दिया. उर्स के मौके पर दूर-दराज से आये हजारों की संख्या में महिलाएं व पुरुष पूरी रात जवाबी कव्वाली का आनंद लेते दिखे. उर्स पर झूले बने आकर्षण का केंद्र उर्स के समापन के साथ ही बाबा के दरगाह पर लगे पांच दिवसीय मेले का भी समापन हो गया. मेले में कई प्रकार के झूले लगाये गये थे. मेले के आखिरी दिन काफी लोगों की भीड़ रही. मेले में लोगों ने झूले का भरपूर आनंद लिया. इस दौरान व्यवस्थापक मैनुद्दीन शाह, मुबारक अली, तिलकधारी गुप्ता, हसन अली, अनवर अली, छठु मियां, शमशेर अली, सिरताज अली, मुन्ना यादव, विकास पांडे, राजकुमार गुप्ता, शेर मुहम्मद शाह, हुसैन अली सहित हजारों की संख्या में यूपी बिहार के लोग मौजूद रहे.
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