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Kaimur News : नुआंव बाजार में 90 लोगों से एक करोड़ रुपये की ठगी

आये दिनों ध्वनि विस्तारक यंत्र, टीवी चैनल व मोबाइल पर सरकार द्वारा चिट फंड कंपनियों के बारे में लाख अवगत कराने के बाद भी लोग अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई को थोड़े ज्यादा पैसे की लालच में पड़ कर बर्बाद करने से गुरेज नहीं कर रहे.

नुआंव. आये दिनों ध्वनि विस्तारक यंत्र, टीवी चैनल व मोबाइल पर सरकार द्वारा चिट फंड कंपनियों के बारे में लाख अवगत कराने के बाद भी लोग अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई को थोड़े ज्यादा पैसे की लालच में पड़ कर बर्बाद करने से गुरेज नहीं कर रहे. कुछ ऐसा ही नजारा नुआंव बाजार में देखने को मिला, जहां पिछले कई वर्षों से बाजार की दुकानों से रेकरिंग व एफडी के नाम पर कलेक्शन कर रहे गर्रा गांव के युवक दिलीप कुमार सिंह द्वारा 90 लोगों से लगभग एक करोड़ रुपये की ठगी कर फरार होने का मामला प्रकाश में आया है. रविवार की दोपहर रुपये की वसूली को लेकर आरोपित के घर पहुंचे लोगों द्वारा उसके भाई से लाख पूछने के बाद भी दिलीप का ना तो पता बताया गया, ना ही पीड़ितों के रुपये देने को लेकर कोई आश्वासन ही दिया गया. ऐसे में लगभग 20 की संख्या में पहुंचे पीड़ितों द्वारा थाने पहुंच कर थानाध्यक्ष से न्याय की गुहार लगायी गयी, जिस पर थानाध्यक्ष द्वारा आरोपित के विरुद्ध धोखाधड़ी मामले को देखते हुए आवेदन देने की मांग की गयी. हास्यास्पद यह देखा गया कि उक्त धोखाधड़ी की घटना को अंजाम तक पहुंचाने वाले आरोपित के भाई द्वारा जो आये दिन दिलीप के नहीं रहने पर रेकरिंग खाते की वसूली करता था, दिलीप के फरार होने के बाद ना तो उसकी कोई जानकारी दी जा रही है, ना ही मैच्योरिटी के रुपये देने को लेकर कोई ठोस बात बतायी जा रही है. दरअसल, पिछले कई वर्षों से गर्रा गांव के रहने वाले दिलीप कुमार सिंह द्वारा एक नन बैंकिंग बैंक के अलावा अपनी दुकान खोल रेकरिंग व एफडी के नाम पर बाजार से कलेक्शन किया जा रहा था. दिलीप द्वारा शुरुआती दौर में समय-समय पर लोगों को भुगतान भी किया गया, जिससे लोग और दुगुनी ताकत के साथ अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई को रेकरिंग में डालते गये. इधर, रुपये इकट्ठा होने के बाद बीते 15 मार्च से दिलीप घर से फरार है. इधर, भाई द्वारा दिलीप के वाराणसी इलाज कराने जाने व उसके बाद उसका कोई आता पता नहीं होने की बात बतायी जा रही है. पीड़ितों की माने तो दिलीप ने बीते कई वर्षों में विश्वास जमाकर लगभग 90 लोगों से एक करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर विश्वासघात करने का काम किया है. अब देखना यह होगा ठगी के शिकार हुए इन पीड़ितों के रुपये मिलते है या इन्हें इसी तरह आरोपित के घर व पुलिस स्टेशन के चक्कर लगाने होंगे. # क्या कहते हैं पीड़ित –गर्रा गांव के रहने वाले बस ड्राइवर इनामुल हक ने कहा कि पिछले कई वर्षों से वह अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई को अपने व अपने भाई काशिद हुसैन के नाम पर रेकरिंग खाता खोल कर जमा कर रहे थे, जिसमें उन्होंने साढ़े नौ लाख रुपये जमा किये. मैच्योरिटी पूरा होने पर पिछले कई दिनों से वह दिलीप से मिलने का प्रयास कर रहे हैं, किंतु वह फरार है. रुपये की वसूली करने वाले उनके छोटे भाई द्वारा भी दिलीप का पता नहीं बताया जा रहा है. — नुआंव के रहने वाले मेडिकल स्टोर के मालिक अखिलेश जायसवाल ने कहा रेकरिंग व अन्य खातों को मिलाकर कुल साढ़े चार लाख रुपये दिलीप से लेने हैं. कई दिनों से ढूंढ़ रहे लेकिन उसका कोई पता नहीं चल रहा, बीच में हुई एक मैच्योरिटी के दौरान उनके भाई द्वारा भुगतान किया गया था, अब उनसे पूछने पर वह भी कुछ बताने से इनकार कर रहा हैं. — नुआंव गांव के रहने वाले नसीम खलीफा ने बताया मुख्य सड़क से सटे उनकी एक छोटी दुकान है, जिससे वह रेकरिंग खाता चलाते थे. उसकी मैच्योरिटी लगभग सात लाख रुपये होनी थी. होली के बाद उनके द्वारा रुपये देने को कहा गया था, होली बीतने के बाद अब उनके घर पहुंचे हैं, तो छोटा भाई बोलता हैं कि मेरा भाई लापता है. जबकि, रुपये की वसूली उनका छोटे भाई भी करता था, अब कहता है मुझे उनसे कोई मतलब नहीं. –नुआंव के अनुराग जायसवाल ने कहा हमारे यहां से 3000 रुपये प्रति माह की दर से 2019 में रेकरिंग खाता खोला गया था. 2024 जनवरी में उसकी मैच्योरिटी पूरी हो गयी है. मार्च में रुपये देने को बोले थे, 16 मार्च को घर गये तो पता चला कि वह घर से भाग गया है. घर वाले भी उनके बारे में कुछ नहीं बता रहे, कुल 2 लाख 66 हजार रुपये लेने हैं. –खुदरा गांव के मोनू गुप्ता ने बताया बाजार में कपड़े की दुकान है. रेकरिंग खाते का 290000 रुपये दिसंबर माह में ही पूरा हो गया था. ढाई माह बाद 15 मार्च को रुपये देने के लिए बोला था, 16 मार्च को घर से फरार है. मेरे कुल चार लाख पचास हजार रुपये बकाया हैं. –नुआंव गांव की रहने वाली किरण देवी ने कहा तीन वर्षों से 100 रुपये जमा कर रही थी, एक लाख 20 हजार रुपये बाकी है, काफी दिनों से घर का चक्कर लगा रही हूं, कोई कुछ सुनने को तैयार नहीं है. — मंजू ने कहा 100 रुपये रोज जमा किये. दिलीप ने कहा था मेरे नहीं रहने पर रुपये पत्नी व भाई को देंगे. 30 हजार पति ने भी फिक्स किया था, अब कोई भी रुपये देने की जिम्मेदारी नहीं ले रहा. –नुआंव के रमीजरजा ने कहा बाजार में चूड़ी की दुकान है. 300 रुपये प्रत्येक दिन कलेक्शन का जमा करते थे. अब तक एक लाख 80 हजार रुपये जमा किया है. बाजार में दिलीप के भागने का पता चला, तो मैं भी अपने रुपये लेने आयी हूं. # क्या कहते हैं आरोपित के भाई इस संबंध में दिलीप के भाई कृष्णा ने कहा रुपये के कलेक्शन व भुगतान के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. 15 मार्च से वह घर से लापता है. थाने में गुमशुदगी का आवेदन दिया हूं. उसपर पुलिस द्वारा सीडीआर निकालने की बात कही गयी है. मैं भी उनकी खोजबीन कर रहा हूं. # क्या कहते हैं थानाध्यक्ष इस संबंध में थानाध्यक्ष विकास कुमार ने कहा पीड़ित थाने पर आये थे, उनके द्वारा अभी तक कोई आवेदन नहीं दिया गया. आवेदन मिलने पर आगे की कार्रवाई की जायेगी.

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