राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस पर निकला जागरूकता पैदल मार्च भभुआ सदर. रविवार को राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस के अवसर पर सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार सुमन सौरभ के नेतृत्व में जागरूकता पैदल मार्च निकाला गया. पैदल मार्च समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता और उनके कानूनी अधिकारों के बारे में जागरूकता प्रदान करने के उद्देश्य से निकाला गया. मार्च का शुभारंभ सुमन सौरभ ने स्वयं हरी झंड़ी दिखाकर जिला विधिक सेवा प्राधिकार कार्यालय से रवाना किया. इस मार्च में बड़ी संख्या में प्राधिकार के पैनल अधिवक्ता व अधिकार मित्र शामिल हुए. मार्च जिला विधिक सेवा प्राधिकार कार्यालय से शुरू होकर शहर के मुख्य मार्ग से होते हुए पटेल चौक तक पहुंचा. इस दौरान प्रतिभागियों ने बैनरों और नारों के माध्यम से लोगों को न्याय तक सबकी पहुंच, लोक अदालत और मुफ्त कानूनी सेवाओं के महत्व से अवगत कराया. इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के कार्यालय कर्मी भी उपस्थित रहे और उन्होंने इस पहल में अपना सहयोग दिया. जिला विधिक सेवा प्राधिकार सचिव सुमन सौरभ ने बताया कि यह मार्च राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के उद्देश्यों को जमीनी स्तर पर लागू करने और यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था कि आर्थिक या किसी अन्य अक्षमता के कारण कोई भी नागरिक न्याय से वंचित न रहे. इनसेट पीड़ितों व आश्रितों को वित्तीय मदद को लेकर किया जागरूक फोटो 2 जानकारी देते विधिक प्राधिकार के कार्यकर्ता भभुआ सदर. राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस के अवसर पर रविवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार कैमूर ने रामपुर प्रखंड की भीतरी बांध पंचायत भवन में विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम का मुख्य विषय बिहार पीड़ित प्रतिकर योजना-2014 (संशोधित) था, जिसका उद्देश्य आपराधिक घटनाओं के शिकार हुए पीड़ितों और उनके आश्रितों को मिलने वाली वित्तीय सहायता (मुआवजा) के संबंध में ग्रामीणों को जागरूक करना था. कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से पैनल अधिवक्ता रिंकी कुमारी और अधिकार मित्र अरविंद कुमार ने मुख्य वक्ता के रूप में शिरकत की. उन्होंने विस्तार से बताया कि किस प्रकार दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 357-A के तहत यह योजना पीड़ितों को न्याय और पुनर्वास में सहायता करती है. उन्होंने विशेष रूप से एसिड अटैक, बलात्कार और मानव तस्करी जैसी गंभीर घटनाओं के पीड़ितों को मिलने वाली बढ़ी हुई मुआवजा राशि की जानकारी दी. उन्होंने स्पष्ट किया कि पीड़ित या उनके परिजन किसी भी कानूनी सहायता के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार में निःशुल्क आवेदन कर सकते हैं, चाहे अपराधी पकड़ा गया हो या नहीं. वक्ताओं ने सभी उपस्थित लोगों से अपील की कि वे इस महत्वपूर्ण जानकारी को समाज के उन गरीब और कमजोर वर्गों तक पहुंचाएं जो अपराध के कारण नुकसान झेलते हैं और न्याय पाने में आर्थिक रूप से असमर्थ होते हैं.
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