= सदर अस्पताल में बन रहे छह मंजिला भवन में एक ही छत के नीचे होगा अब ऑपरेशन व इलाज मरीजों की सुविधा के लिए इमरजेंसी वार्ड और कैफेटेरिया का भी निर्माण होगा मरीजों के साथ आने वाले लोगों को वेटिंग हॉल व पार्किंग की सुविधा भी मिलेगी. = गंभीर मरीजों के लिए अब नहीं जाना पड़ेगा बाहर, मिलेगी हर इमरजेंसी सेवा प्रभात खबर एक्सक्लूसिव भभुआ सदर. किसी भी आपातकालीन स्थिति और दुर्घटना आदि जैसे जिंदगी बचाने वाले गंभीर इलाज के लिए भी जिले के लोगों को बाहर जाने से अब जल्द ही मुक्ति मिलने वाली है. इसके लिए सदर अस्पताल भभुआ में ही ऑपरेशन सहित अन्य आकस्मिक स्थिति में इलाज के लिए छह मंजिला क्रिटिकल केयर यूनिट बिल्डिंग का निर्माण कराया जा रहा है. बीएमएसआईसीएल द्वारा लगभग 42 करोड़ 75 लाख की लागत से बनाये जा रहे इस छह मंजिला क्रिटिकल केयर बिल्डिंग में सर्जन डॉक्टर से लेकर आइसीयू, सीसीयू, ओटी, पैथोलॉजी जांच सहित सभी सुविधाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध रहेगी. इसके अलावा नयी बिल्डिंग में ही अल्ट्रासाउंड, पैथोलॉजी, सीटी स्केन, बेहतर ओटी समेत अन्य सेवाओं का लाभ भी मिलेगा. इस बिल्डिंग में अत्यधिक इमरजेंसी सेवा की हर व्यवस्था उपलब्ध रहेगी, तो विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम के द्वारा यहां अत्याधुनिक मशीनों की मदद से मरीजों का इलाज किया जायेगा. दरअसल, सदर अस्पताल को अब एक मल्टी-ट्रीटमेंट सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां विभिन्न बीमारियों का इलाज एक ही जगह पर संभव होगा. = सामान्य अस्पताल से अलग होगा क्रिटिकल केयर ब्लॉक जानकारी के अनुसार क्रिटिकल केयर ब्लाक सामान्य अस्पतालों से भिन्न होगा, इसमें सभी 100 बेड आक्सीजन सपोर्टिव होंगे. साथ ही वेंटिलेटर, बीपी मानिटर, पल्स मानिटर और अन्य जीवन रक्षक उपकरणों की व्यवस्था की जायेगी. इसके अलावा 24 घंटे विशेषज्ञ चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ की तैनाती रहेगी. गौरतलब है कि जिले में कोविड-19 के दौरान क्रिटिकल केयर की कमी से कई मरीजों को कठिनाई हुई थी. अब इस ब्लाक के शुरू होने के बाद ऐसी स्थिति में मरीजों को तत्काल उपचार मिल सकेगा. इसमें आइसीयू, आइसोलेशन वार्ड, सर्जिकल यूनिट, लेबर विभाग, डिलीवरी व रिकवरी रूम तथा नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए अलग विभाग भी रहेगा. वहीं, यहां गैस पाइपलाइन सिस्टम, ऑक्सीजन और इंफेक्शन प्रिवेंशन कंट्रोल सिस्टम भी लगाया जायेगा, जिससे गंभीर मरीजों को आवश्यकतानुसार दूसरे वार्ड में सुरक्षित रूप से शिफ्ट किया जा सके. = 60 हजार वर्ग फुट में बनेगा क्रिटिकल यूनिट ब्लॉक जिला स्वास्थ्य समिति के स्वास्थ्य प्रबंधक ऋषिकेश जायसवाल ने बताया कि क्रिटिकल केयर यूनिट ब्लॉक के लिए बीएमएसआईसीएल को 60 हजार वर्ग फुट जमीन की जरूरत थी. 60 हजार वर्ग फुट जमीन की उपलब्धता के लिए सीएस कार्यालय और डीपीएम हाउस के बीच बने जिला प्रतिरक्षण कार्यालय भवन को तोड़ा जा रहा है. इसी जमीन पर क्रिटिकल केयर यूनिट का छह मंजिला बिल्डिंग बीएमएसआईसीएल द्वारा बनाया जा रहा है. डीपीएम ने बताया कि सदर अस्पताल में बनने वाले मॉडल अस्पताल जी प्लस टू बिल्डिंग का होगा. अलग बनने वाली इस बिल्डिंग के निर्माण के बाद लोगों को इमरजेंसी में बाहर रेफर नहीं करना पड़ेगा, यहां पर मरीजों की सुविधा के लिए इमरजेंसी वार्ड और कैफेटेरिया का भी निर्माण होगा. इसके अलावा पार्किंग की सुविधा भी अस्पताल आने वालों को मिलेगी. जबकि, मरीजों के साथ आने वाले लोगों को वेटिंग हॉल की सुविधा भी मिलेगी. = 2022 में जपाइगो की टीम ने निर्माण के लिए करायी थी मापी जिला स्वास्थ्य समिति के वित्त प्रबंधक प्रभात कुमार ने बताया कि क्रिटिकल केयर यूनिट ब्लॉक निर्माण के लिए पटना से आयी जपाइगो की चार सदस्यीय टीम ने सात दिसंबर 2022 को सदर अस्पताल में जमीन उपलब्धता का निरीक्षण किया था. इस दौरान जिला प्रतिरक्षण कार्यालय के समीप जमीन की मापी की गयी थी और उक्त जगह पर टीम ने 60 हजार वर्ग फुट जमीन की मापी करा इसकी रिपोर्ट बीएमएसआईसीएल को भेज दी थी. जमीन उपलब्ध हो जाने के बाद अब जिला प्रतिरक्षण कार्यालय भवन को तोड़ा जा रहा है. उम्मीद है कि एक वर्ष में छह मंजिला क्रिटिकल केयर यूनिट की बिल्डिंग तैयार हो जायेगी.
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