# बिना आपत्ति वाले म्यूटेशन को अस्वीकृत करने पर की गयी कार्रवाई # सीओ शशि सिंह पर आरोप पत्र गठित कर पूछा जायेगा स्पष्टीकरण # 81 दाखिल खारिज के आवेदन अस्वीकृत करने पर गिरी गाज, डोंगल भी किया गया निष्क्रिय मोहनिया सदर. राजस्व व भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने मोहनिया की महिला अंचलाधिकारी शशि सिंह पर कार्रवाई करते हुए उन्हें सीओ पद से हटा दिया है. इस दौरान शशि सिंह डीएम कार्यालय में अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगी. अपर मुख्य सचिव द्वारा जारी किये गये पत्र में लिखा गया है कि अंचल कार्यालय मोहनिया में पदस्थापित अंचल अधिकारी शशि सिंह द्वारा अक्तूबर से नवंबर 2025 के बीच अनेक वादों में एक समान आदेश पारित किया गया है और एक समान प्रक्रिया अपनाते हुए सामूहिक रूप से अस्वीकृत करने का आदेश पारित किया गया है. इस मामले की तथ्यात्मक जानकारी के लिए मुख्यालय से पोर्टल पर उपलब्ध दाखिल खारिज वादों के आदेशों के अध्ययन के लिए विशेष कार्य पदाधिकारी अनुपम प्रकाश को जिम्मेदारी सौंपी गयी थी. जांच के बाद अनुपम प्रकाश द्वारा समर्पित पत्र 11 नवंबर 2025 द्वारा इस संबंध में पोर्टल से जानकारी प्राप्त करते हुए जांच प्रतिवेदन समर्पित किया गया है. उस जांच प्रतिवेदन व उसके साथ संलग्न किये गये कागजातों के आधार पर कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है. # इन मामलों में सीओ को हटाया गया पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि सीओ शशि सिंह के पदस्थापन काल छह अक्तूबर से छह नवंबर 25 की अवधि में निष्पादित किये गये दाखिल खारिज के मामलों के पोर्टल से निकले गये आंकड़ों के अनुसार इस अवधि में उनके द्वारा कुल 28 मामले स्वीकृत किये गये हैं, जबकि 81 मामले अस्वीकृत कर दिये गये हैं. अस्वीकृति का प्रतिशत 74.35 है, जो कि राज्य व जिला के औसत प्रतिशत से बहुत अधिक है. इन सभी मामलों में पोर्टल से आदेश की प्रति प्राप्त कर समीक्षा करने पर यह पाया गया कि इन सभी मामलों में कर्मचारी व राजस्व अधिकारी के प्रतिवेदन के अनुसार भूमि विवाद मुक्त पायी गयी थी तथा 15 सितंबर 2025 से 24 सितंबर 2025 तक आम व खास सूचना भी इनके पूर्व के अंचलाधिकारी अंकित सिंह के द्वारा जारी कर दी गयी थी. इसके बावजूद शशि सिंह द्वारा ज्यादातर मामलों में आपत्ति दर्ज कर सभी मामलों की एक समान हेयरिंग की तिथि नवंबर माह के प्रथम सप्ताह में अंकित की गयी व सभी में एक समान आदेश पारित करते हुए छह नवंबर 2025 को अस्वीकृत करने का आदेश पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है. पत्र में स्पष्ट किया गया है कि यह सभी आदेश आम खास सूचना अवधि समाप्त होने के बाद पारित किये गये थे तथा इनमें से अधिकतर मामलों में कोई भी आपत्ति प्राप्त नहीं हुई थी, लेकिन अंचलाधिकारी द्वारा स्वत: बिना ठोस आधार के आपत्ति दर्ज की गयी व उनके आदेश में यह भी स्पष्ट नहीं किया गया की यह आपत्ति किस सूचना अथवा दस्तावेज के आधार पर दर्ज की गयी है. अपर मुख्य सचिव द्वारा जारी किये गये पत्र में यह उल्लेख किया गया है कि ज्यादातर अस्वीकृत आदेशों में एक समान शब्द संलग्न दस्तावेज अपूर्ण, अपठनीय, आवश्यक साक्ष्य प्रस्तुत नही है. जैसी भाषा हू- बहू- दोहरायी गयी है. पत्र में लिखा गया है कि इन मामलों में विस्तृत जांच की आवश्यकता प्रतीत होती है व इनसे आरोप पत्र गठित कर स्पष्टीकरण प्राप्त करना उचित प्रतीत होता है. # अनावश्यक न्यायालय पर बढ़ेगा बोझ पत्र में लिखा गया है कि इनके इस प्रकार के कार्यशैली के कारण रैयत जिनके मामले बिना किसी ठोस आधार के अस्वीकृत कर दिये गये हैं, उन्हें पुनः भूमि सुधार उप समाहर्ता के यहां अपील दायर करना पड़ेगा. इससे ऊपर के न्यायालय पर अनावश्यक बोझ भी बढ़ेगा. इस परिस्थिति में इनके अंचलाधिकारी के रूप में कार्य करना प्रशासनिक दृष्टिकोण से उचित प्रतीत नही होता है. इसलिए इन्हें तत्काल जिला पदाधिकारी के कार्यालय में संलग्न किया जाता है व इनका डोंगल निष्क्रिय करने का आदेश दिया जाता है. इसके साथ ही डीएम से दूरभाष से हुए विमर्श के आधार पर नियमित अंचलाधिकारी के पदस्थापन तक दिलीप कुमार वर्तमान सीओ नुआंव को अंचल कार्यालय मोहनिया का कार्य भी संपादित करने का आदेश दिया जाता है. – कहते हैं प्रभारी सीओ इस संबंध में पूछे जाने पर प्रभारी सीओ दिलीप कुमार ने कहा कि दाखिल खारिज का आवेदन अस्वीकृत करने के मामले में सीओ शशि सिंह को मोहनिया सीओ के पद से हटा दिया गया है, वर्तमान में मुझे मोहनिया सीओ का प्रभार दिया गया है.
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