भभुआ सदर.
शनिवार को अनन्त श्री सदगुरू सदाफल देव महाराज की 138वीं जयंती मनायी गयी. कार्यक्रम का आयोजन रिक्रीएशन क्लब परिसर में किया गया. श्वेत ध्वज फहराकर समारोह का शुभारंभ किया गया. वैदिक मंत्रों के साथ एक कुंडीय यज्ञ संपन्न कराया गया. कार्यक्रम में भजन गायन, गुरु वंदना, आरती व शांति पाठ हुआ. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रेमचंद्र जायसवाल व संचालन सत्येंद्र कुमार यादव ने किया. प्रेमचंद्र जायसवाल ने बताया कि सदगुरू सदाफल देव महाराज का जन्म 1888 में भादो कृष्ण पक्ष की चतुर्थी, गुरुवार के दिन हुआ था. उन्होंने मात्र 11 वर्ष की उम्र से तपस्या की शुरुआत कर 17 वर्षों तक उन्होंने निरंतर साधना की. 28 वर्ष की अवस्था में ईश्वर व ब्रह्मज्ञान की पूर्णता प्राप्त की. उन्होंने न केवल आत्म-साक्षात्कार किया, बल्कि समस्त ब्रह्मांडीय गुणों को भी अनुभव कर लिया. 35 महत्त्वपूर्ण ग्रंथों की रचना कर उन्होंने ज्ञान-विज्ञान को जन-जन तक पहुंचाया. बताया कि आगामी 25 व 26 नवंबर को वाराणसी स्थित सवर्वेद मंदिर के प्रांगण में 25000 कुंडीय हवन यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है. कार्यक्रम में डीएन सिंह, नवल किशोर सिंह, कांति सिन्हा, सुमन सिंह, नीलम सिंह, डॉ रामेश्वर सिंह, श्रीकांत प्रधान, शिवचरण साहू सहित काफी संख्या में श्रद्धालु भक्त शामिल रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

