17.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Jitiya Vrat 2022: सोना और चांदी की जिउतिया के लॉकेट की बढ़ी मांग, नहाय-खाय के साथ जितिया व्रत आज से शुरू

Jitiya Vrat 2022: महिलाओं ने इस व्रत से जुड़े सामानों की जमकर खरीदारी की. साथ ही अधिकतर महिलाओं ने जिउतिया भी गुथवाई. मध्यम व उच्च वर्ग की आर्थिक रूप से संपन्न अधिकतर महिलाओं ने सोने अथवा चांदी की भी जिउतिया बनवाई.

Jitiya Vrat 2022: जीवित्पुत्रिका व्रत इस बार 17 सितंबर को नहाय खाय के साथ शुरू हो रहा है. धार्मिक व पौराणिक परंपराओं के अनुसार 18 सितंबर को महिलाएं अपनी संतानों के लिए पूजन कर निर्जला उपवास का व्रत रखेगी. 19 सितंबर को सुबह पारण कर उपवास तोड़ेगी. इस व्रत की खरीदारी को लेकर शुक्रवार को बाजार में रौनक बढ़ी रही. जीवित्पुत्रिका व्रत से जुड़े सामानों की खरीदारी को लेकर शुक्रवार को बाजार में पूरे दिन चहल-पहल बनी रही.

महिलाओं ने सोने व चांदी की जिउतिया बनवाई

महिलाओं ने इस व्रत से जुड़े सामानों की जमकर खरीदारी की. साथ ही अधिकतर महिलाओं ने जिउतिया भी गुथवाई. मध्यम व उच्च वर्ग की आर्थिक रूप से संपन्न अधिकतर महिलाओं ने सोने अथवा चांदी की भी जिउतिया बनवाई. पूजन सामग्रियों के साथ अनरसा, पेड़ाकड़ी, गोलवा साग, मडुआ का आटा, कुशी केराव, झिंगी व इस व्रत से जुड़े सामानों की खरीदारी की.

सोने की जिउतिया के लॉकेट में जीमूतवाहन की होती है तस्वीर

ज्योतिषी डॉ ज्ञानेश भारद्वाज ने बताया कि संतान की दीर्घायु व सुखी जीवन के लिए रखी जाने वाली जितिया व्रत वाले दिन में जिउतिया वाली लॉकेट बहुत ज्यादा महत्व रखती है. इस दिन महिलाएं लाल या पीले रंग की धागा अपने गले में धारण करती हैं जिसमें एक धागा साधारण तरीके का होता है. इसमें तीन जगह गांठे लगी रहती हैं. इसकी गांठे सामान्य होती है. वहीं कई महिलाएं अपने सामर्थ्य अनुसार सोने के लॉकेट में भी जिउतिया बनवा कर धारण करती हैं.

Also Read: Jitiya 2022 Date: संतान की चिर आयु के लिए मां की तपस्या है जिउतिया व्रत, यूपी-बिहार में नहाय-खाय आज
जीमूतवाहन की तस्वीर वाला सोने के लॉकेट की बढ़ी मांग

हालांकि धागा धारण करना बहुत ही जरूरी होता है. सोने के लॉकेट में जीमूतवाहन की तस्वीर बनी होती है. जिन महिलाऐं की जितनी संतान हैं, जितिया के लॉकेट में उतनी ही जीमूतवाहन की तस्वीरें होती है. जिउतिया के धागे व जिउतिया के लॉकेट व्रत वाले दिन यानी अष्टमी के दिन चीलो माता पर चढ़ाया जाता है और अगले दिन परंपरा के अनुसार अपने बच्चे के गले में धारण कराकर माताएं अपने गले में धारण कर लेती हैं.

जितिया व्रत तिथि मुहूर्त

विधान के अनुसार, अष्टमी को व्रत एवं नवमी को पारण करना है, परंतु जिउतिया से संबंधित दो कथाएं हैं. दोनों में सारतः एकता है. हां, मुख्य अंतर यह है कि एक में चंद्रोदय में अष्टमी (शनिवार, 17 सितंबर) का महत्व है, तो दूसरी में सूर्योदय में अष्टमी (रविवार, 18 सितंबर) को ग्राह्य और सप्तमीविद्धा अष्टमी त्याज्य है.

अष्टमी तिथि : शनिवार, 17 सितंबर को दोपहर 2:56 से रविवार, 18 सितंबर को शाम 4:39 बजे तक. उपरांत नवमी तिथि सोमवार, 19 सितंबर को शाम 6:37 बजे तक.

पारण : मिथिला पंचांग के अनुसार, रविवार, 18 सितंबर को शाम 4:39 बजे के बाद. वहीं वाराणसी पंचांग के अनुसार, सोमवार, 19 सितंबर को सूर्योदय के बाद कभी भी.

Also Read: Jivitputrika Vrat 2022: बिहार में जितिया व्रत कब है, 17 या 18 सितंबर को, यहां करें अपनी कन्फ्यूजन दूर
Also Read: Jivitputrika Vrat 2022 Date: बिहार में जितिया व्रत 17 या 18 सितंबर को?, महिलाएं यहां करें अपनी दुविधा दूर
Also Read: Jitiya Vrat 2022: मिथिला की महिलाएं एक दिन पहले क्यों रख रहीं जितिया व्रत,यहां जानें कारण और पूरी डिटेल्स
Also Read: Jitiya Vrat 2022: बिहार-UP में जितिया व्रती महिलाएं आज करेंगी नहाय खाय, चढ़ाएंगी तेल-खल्ली, जानें डिटेल्स

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel