जमुई . मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट ””””हर घर नल-जल योजना”””” बरहट प्रखंड में बदहाली का शिकार हो गया है. प्रखंड के दर्जनों वार्डों में लोग अब भी बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं. बरहट पंचायत के वार्ड संख्या 1, 10, 12, 14 और 15, लखैय पंचायत के वार्ड संख्या 2, 11, 12 और 13 तथा नुमर पंचायत के वार्ड संख्या 2 मुस्लिम टोला में नल-जल योजना का कार्य वर्षों से अधूरा पड़ा है. पांडो पंचायत में महज बोरिंग कर काम छोड़ दिया गया. वहीं वार्ड संख्या 7 और 9 में संरचना बन जाने के बावजूद जलापूर्ति शुरू नहीं हो सकी. बरियारपुर पंचायत में अब भी पाइपलाइन बिछाने का कार्य अधूरा है, जबकि कटौना पंचायत के वार्ड संख्या 13 में आंधी-तूफान में उड़ चुकी पानी की टंकी आज तक नहीं बदली गई है.
महिलाओं व बच्चों पर पड़ गया पानी लाने का भार
पेयजल की सुविधा नहीं होने का सबसे ज्यादा असर महिलाओं और बच्चों पर पड़ रहा है. उन्हें आज भी सिर पर बाल्टी और डिब्बा लेकर कुएं या हैंडपंप से पानी लाना पड़ता है. गर्मी और बरसात के मौसम में यह कार्य और भी कठिन हो जाता है.विभागीय उदासीनता व संवेदकों की मनमानी
सूत्रों के अनुसार प्रखंड में कुल 93 नल-जल कनेक्शन चालू हैं, जबकि 58 योजनाएं अधूरी पड़ी हैं. कई संवेदक कार्य अधूरा छोड़कर चले गए, बावजूद इसके योजना की पूरी राशि की निकासी कर ली गई. जनप्रतिनिधियों ने पंचायत समिति की बैठक में इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया, लेकिन एक माह बीतने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी. जनप्रतिनिधियों का आरोप है कि इन योजनाओं की राशि की बंदरबांट हो गई, लेकिन नल से आज तक एक बूंद पानी तक नहीं निकल पाया है.योजना कब पूरी होगी, अधिकारी के पास जवाब नहीं
प्रखंड पीएचईडी (लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग) के जूनियर इंजीनियर मसरूर आलम ने स्वीकार किया कि कई स्थानों पर संवेदकों ने काम अधूरा छोड़ दिया है और कुछ जगहों पर स्थानीय विवाद के कारण कार्य बाधित हुआ है. उन्होंने कहा कि इसकी रिपोर्ट विभाग को भेजी जा रही है. लेकिन अधूरी योजनाएं कब पूरी होंगी, इस पर वे कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे सके.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

