गिद्धौर. प्रखंड की कोल्हुआ पंचायत अंतर्गत महुलीगढ़ गांव में बने नवनिर्मित नाले का स्लैब पहली ही बारिश में ध्वस्त हो गया है. करीब आठ लाख रुपये से अधिक की लागत से बनाये गये इस नाले की जगह-जगह से स्लैब टूटकर गिर चुका है. नाले का निर्माण त्रिपुरारी मंडल के घर से उलाय नदी के केनाल तक कराया गया था. स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया, जिससे यह नाला कुछ ही दिनों में क्षतिग्रस्त हो गया. सबसे गंभीर बात यह है कि निर्माण स्थल पर कोई सूचना बोर्ड नहीं लगाया गया. इससे यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा कि यह कार्य किस विभाग या योजना के तहत कराया गया. वार्ड संख्या दो महुलीगढ़ के ग्रामीण त्रिपुरारी मंडल, कपिल मंडल, गोपाल साव, सुनील साव, बासुकी साव, प्रकाश मंडल सहित अन्य लोगों ने बताया कि कार्य की शुरुआत से ही इसमें अनियमितता दिख रही थी. निर्माण के दौरान भी इस बारे में प्रखंड प्रशासन से कई बार शिकायत की गई, लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. अब स्थिति यह है कि नाले का स्लैब भरभराकर गिर रहा है, जिससे हादसा की आशंका बनी हुई है. ग्रामीणों का कहना है कि यह पूरी योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है. निर्माण कार्य में सरकारी राशि की बंदरबांट की गई. लोगों ने स्थानीय प्रशासन से तत्काल इस नाले की मरम्मत कराने की मांग की है, ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना न हो.
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