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बिहार: 67वीं BPSC परीक्षा पास कर बेटा बना अधिकारी, अपनी अंतिम इच्छा पूरी होते ही पिता ने तोड़ा दम

बिहार के जमुई निवासी ललन कुमार ने बीपीएससी की परीक्षा पास की और अधिकारी बने. उनके घर में खुशी का माहौल था. लेकिन अचानक यह मातम में बदल गया. दरअसल, ललन कुमार ने अपने पिता की अंतिम इच्छा पूरी कर दी थी और पिता ने यह देखने के बाद अपने प्राण त्याग दिए.

BPSC Result News: 67वीं BPSC की परीक्षा का फाइनल रिजल्ट आया तो कई घरों में महोत्सव वाला माहौल बना. 67वीं बीपीएससी परीक्षा में कुल 799 अभ्यर्थियों का चयन हुआ. इनमें जमुई के बरहट प्रखंड क्षेत्र के तपोवन-डाढ़ा गांव निवासी ललन कुमार भारती भी शामिल हैं. उनके पिता जगदीश दास ने वार्ड सदस्य का चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी. ललन कुमार की सफलता से पूरे परिवार में खुशी का माहौल था. लेकिन शायद इसे कुछ ही घंटे ठहरना था. अचानक इस घर में मातम पसर गया. दरअसल, बेटे ललन को अफसर बनने का सपना देख रहे पिता इस दुनिया को अलविदा कह गए थे.

रिजल्ट सुनने के बाद पिता ने तोड़ा दम

बीते शनिवार को बीपीएससी परीक्षा में बरहट प्रखंड क्षेत्र के तपोवन-डाढ़ा गांव निवासी ललन कुमार भारती ने सफलता हासिल की. उसकी सफलता से पूरे परिवार में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. लेकिन कुछ ही घंटे के बाद ललन के पिता जगदीस दास की मौत हो जाने से पूरा परिवार मर्माहत हो गया. जानकारी के अनुसार. ललन के पिता पेट की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे. उनका पटना के एक निजी क्लीनिक में इलाज चल रहा था. बेटे की इस सफलता के कुछ घंटे के बाद ही उनकी तबीयत अत्यधिक खराब हुई और मौत हो गयी.

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कोलकाता से आकर लड़े चुनाव, बेटे को बनाना चाहते थे अधिकारी

घटना की सूचना मिलते ही खुशी का माहौल गम में बदल गया. ललन ने बताया कि मैं अपने पिता की प्रेरणा से ही सिविल सर्विसेज की तैयारी में जुटा था. पिताजी मुझे एक अधिकारी के रूप में देखना चाहते थे. उनके सोच व मार्गदर्शन में ही मैंने बीपीएससी परीक्षा की तैयारी की और सफलता भी मिली. हालांकि इसकी सुखद अनुभूति मेरे पिताजी कुछ क्षण के लिए ही कर सके. बताते चलें कि जगदीश दास कोलकाता में चप्पल जूता का कारोबार करते थे. कोरोना काल में कोलकाता से वापस गांव चले आये और पंचायत चुनाव में उन्होंने वार्ड सदस्य का चुनाव लड़कर जीत हासिल की. इसके कुछ ही दिन के बाद से उनकी तबीयत खराब रहने लगी. परिवार द्वारा उनका इलाज कराया जा रहा था. इसके बावजूद ललन ने पढ़ाई के प्रति लगाव रखा और मेहनत के बल सफलता हासिल की.

सरकारी स्कूल में पढ़कर नीतू ने पायी सफलता

गौरतलब है कि ललन कुमार के अलावे जमुई के और भी कई अभ्यर्थियों ने 67वीं बीपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल की है. सिकंदरा नगर क्षेत्र के वार्ड संख्या 5 निवासी राजेश वर्मा की पुत्री नीतू कुमारी ने अपनी कड़ी मेहनत व दृढ़ इच्छाशक्ति के बलबूते बीपीएससी 67वीं परीक्षा में सफलता हासिल कर पूरे जिले को गौरवान्वित कर दिया. बीपीएससी की परीक्षा में 219वां रैंक हासिल करने वाली नीतू कुमारी की सफलता इस मायने में भी खास मानी जाती है कि उसने बचपन से लेकर उच्च शिक्षा तक की पूरी पढ़ाई घर पर रह कर सरकारी स्कूल से की है. साधारण परिवार से आने वाली नीतू के पिता राजेश प्रसाद वर्मा सिकंदरा में सर्राफा व्यवसायी हैं. नीतू ने अपनी लगन व कड़ी मेहनत के बल पर इतिहास रचने में सफलता हासिल की.

पूर्व प्रत्याशी की बेटी बनेगी अफसर

वहीं झाझा शहरी क्षेत्र के चरघरा मोहल्ला निवासी झाझा विधानसभा पूर्व प्रत्याशी बिनोद यादव व संगीता देवी की पुत्री सुमन सौरभ ने बीपीएससी की परीक्षा में 253 रैंक लाया. सुमन सौरभ नगर निगम की अधिकारी बनीं. सुमन ने बताया कि उसने वर्ष 2015 में 95.6 प्रतिशत के साथ मैट्रिक की परीक्षा स्थानीय संत जोसेफ विद्यालय से पास की. उत्तर प्रदेश के एक स्कूल से 95.6 प्रतिशत लाकर इंटर की परीक्षा पास की. ग्रेजुएशन दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज से रसायन विज्ञान से 83.4 प्रतिशत लाकर की. उसके बाद से ही लगातार वह सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रही है. उसने बताया कि होश आने के बाद से ही पिता की प्रेरणा से मुझे सिविल सर्विसेज में जाने की प्रबल अभिलाषा जगी, जो आज साकार हुई है. उन्होंने कहा कि कठिन परिश्रम से कोई भी सफलता पायी जा सकती है.

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