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बारिश होते की तालाब में तब्दील हो जाती है सड़कें, कोई सीवरेज सिस्टम तैयार ही नहीं

जमुई : हल्की सी बारिश होते ही शहर स्थित अधिकांश मुहल्लों की सड़क तालाब में तब्दील हो जाती है. यह कोई एक दिन की बात नहीं है, बल्कि सालों भर यही स्थिति बनी रहती है. नगर परिषद के द्वारा हल्की सी बारिश होने या बारिश का मौसम शुरू होने पर यह जरूर कहा जाता है […]

जमुई : हल्की सी बारिश होते ही शहर स्थित अधिकांश मुहल्लों की सड़क तालाब में तब्दील हो जाती है. यह कोई एक दिन की बात नहीं है, बल्कि सालों भर यही स्थिति बनी रहती है. नगर परिषद के द्वारा हल्की सी बारिश होने या बारिश का मौसम शुरू होने पर यह जरूर कहा जाता है कि लोगों को जल जमाव से मुक्ति दिलाने के लिए डीपीआर तैयार कर लिया गया है और इस पर जल्द ही काम शुरू कर दिया जायेगा.

लेकिन इस योजना पर कब कार्य शुरू होगा यह बता पाना संभव नहीं है. क्योंकि तीन साल से वह डीपीआर नगर परिषद के फाइलों की शोभा बढ़ा रहा है. नगर परिषद के लोगों को जल जमाव से मुक्ति बनाने के लिए कार्ययोजना भी बनी थी. लेकिन वर्तमान समय में वह कार्य योजना हवा हवाई होकर रह गयी है.
नगर परिषद की इस सुस्त कार्यशैली के कारण हल्की सी बारिश होने के कारण ही कई मुहल्लों में तो मुख्य सड़क पर ही पानी जमा हो जाता है और लोगों को इसी गंदे पानी में प्रवेश करके अपने दैनिक कार्य के लिए घरों से बाहर निकलने को मजबूर होना पड़ता है. कुछ मुहल्लों में तो नाला का गंदा पानी ही सड़क पर आकर जमा हो जाता है. जिसके कारण स्थिति बद से बदतर हो जाती है.
जलजमाव से बदतर हो जाती है स्थिति नगर क्षेत्र के महाराजगंज, महिसौड़ी, पंच मंदिर रोड, कृष्णपट्टी, भछियार, नीमारंग, कल्याणपुर, भुक्कड़ मुहल्ला, शास्त्री कॉलोनी समेत कुछ और अन्य मुहल्लों की हालत बारिश में तो देखने लायक हो जाती है. किसी भी मौसम में हल्की सी बारिश होने पर भी इन मुहल्लों के कुछ क्षेत्रों में लोगों के घरों में भी पानी प्रवेश कर जाता है. बिहारी मुहल्ला में भी कुछ क्षेत्रों में लोगों को थोड़ी सी बारिश होने पर भी काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.
कुछ घरों के लोगों का तो बाहर निकलना भी दूभर हो जाता है. लोगों की माने तो नगर परिषद के द्वारा आज तक जलजमाव के बेहतर निकास के लिए कोई सीवरेज सिस्टम तैयार ही नहीं किया गया है और ना ही सही तरीके से कोई प्लानिंग की गयी है. जिसके कारण हल्की सी बारिश होने पर यही स्थिति बन जाती है. बारिश के मौसम में तो हालात बहुत ही खराब हो जाते हैं.
लोगों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी की है मांग जलजमाव से शहरवासियों को मुक्ति दिलाने के लिए लोकसभा चुनाव के समय शहर के प्रबुद्ध लोगों के द्वारा लोकसभा चुनाव लड़ रहे सभी प्रत्याशियों से मांग किया गया था. लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद इस समस्या की ओर जनप्रतिनिधियों के द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जाता है.
लोगों की माने तो हमने विधानसभा चुनाव और नगर निकाय चुनाव के समय भी चुनाव लड़ने वाले सभी प्रत्याशियों से इस समस्या के निदान के लिए गुहार लगायी है. लेकिन आज तक किसी भी प्रतिनिधि ने हमारी समस्याओं के समाधान के लिए समुचित कदम उठाना भी लाजिमी नहीं समझा. जिसके कारण स्थिति बिल्कुल खराब होती चली जा रही है.
बारिश ने किसानों की चिंता को किया दूर
सोनो. मानसून के विलंब से प्रवेश के बाद हो रही अच्छी बारिश ने किसानों की चिंता को कुछ हद तक दूर किया है. दरअसल रोहिणी नक्षत्र के जाते जाते और उसके बाद के नक्षत्र में बारिश नहीं होने से किसान धान के बिछड़े नहीं लगा पाये थे. समय पर बिचड़ा नहीं लगने व खेत तैयार नहीं होने की चिंता से किसान परेशान थे. लेकिन बीते तीन दिनों से हो रही लगातार बारिश ने किसानों के चेहरे की रौनक को लौटा दिया है. हो रही बारिश के बीच किसान खेतों को तैयार करने में लग गये है.
कई किसानों का मानना है कि देर से ही सही लेकिन मकई वगैरह की भी अब बुआई हो जायेगी. आगे दो चार दिनों तक बारिश की संभावना ने किसानों का उत्साह बढ़ाया है. नदी तालाब में पर्याप्त पानी भरने से आगे सिंचाई की सुविधा मिल सकेगा. हो रही बारिश से न सिर्फ किसानों की रौनक लौटी है बल्कि धान के बीज व उर्वरक के मायूस दुकानदार के चेहरे भी खिल गये है.

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