जांच में दुष्कर्म की घटना को छिपाने का है आरोप
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सजा सुनते ही बेहोश हुए चिकित्सक नागेंद्र कुमार
जांच में दुष्कर्म की घटना को छिपाने का है आरोप जमुई : अपर जिला व सत्र न्यायाधीश प्रथम राजेश कुमार ने चिकित्सक नागेंद्र कुमार को मलयपुर थाना कांड संख्या 34/14 में साक्ष्य छिपाने के अपराध में भारतीय दंड विधान की धारा 201 के तहत तीन वर्ष कारावास की सजा व 20 हजार रुपये जुर्माना की […]
जमुई : अपर जिला व सत्र न्यायाधीश प्रथम राजेश कुमार ने चिकित्सक नागेंद्र कुमार को मलयपुर थाना कांड संख्या 34/14 में साक्ष्य छिपाने के अपराध में भारतीय दंड विधान की धारा 201 के तहत तीन वर्ष कारावास की सजा व 20 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. हालांकि सजा सुनाये जाने के बाद चिकित्सक नागेंद्र कुमार अदालत में ही बेहोश हो कर गिर पड़े.
अदालत द्वारा 20 हजार का जुर्माना नहीं देने पर छह माह के अतिरिक्त कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है. इसके उपरांत अदालत द्वारा 10-10 हजार के दो मुचलके पर डाॅ नागेंद्र कुमार को 20 दिन के लिए औपबंधिक जमानत दे दी गयी. इसके अलावे अदालत द्वारा अभियुक्त साकेंद्र यादव को पोक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत व 376 डी के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनायी है.
साथ ही 50 हजार रुपये का जुर्माना भी किया है और जुर्माना नहीं देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कारावास का भी प्रावधान किया है. जानकारी के अनुसार 28 अक्टूबर 2014 को देवाचक गांव की लड़की अपनी तबियत खराब होने के कारण मलयपुर से सुई लगवा कर लौट रही थी. तभी उत्क्रमित मध्य विद्यालय देवाचक के समीप साकेंद्र यादव, ललन यादव और गोरेलाल यादव ने उसके साथ बारी बारी से दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. इलाज के दौरान डा. नागेंद्र कुमार द्वारा दुष्कर्म की घटना की पुष्टि को छिपाया गया था. पीड़िता के द्वारा प्रशासन के समक्ष अपने साथ घटित दुष्कर्म की घटना के बाबत बताये जाने पर मेडिकल बोर्ड के द्वारा जांच-पड़ताल करने के उपरांत घटना को सत्य पाया गया था.
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