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बिहार के सरकारी स्कूलों में शुरू होगा हाउसकीपिंग सिस्टम, एक सितंबर से नयी व्यवस्था लागू

हाउसकीपिंग के लिए चयनित एजेंसी सभी स्कूल के सभी कमरों की साफ-सफाई , बैंच डेस्क की सफाई, झाड़ू-पोछा,शौचालय एवं यूरिनल की सफाई आदि की सफाई के सभी तरह के काम करेगी. इसके अलावा यह एजेंसी साफ -सफाई के लिए जरूरी फिनाइल, हार्पिक, तेजाब और लिक्विड हैंड वॉश भी उपलब्ध करायेंगे.

पटना. एक सितंबर से राज्य के सरकारी स्कूलों में आउटसोर्सिंग प्रक्रिया के तहत हाउसकीपिंग व्यवस्था शुरू कर दी जायेगी. शिक्षा विभाग के प्रशासन निदेशक ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को इस संदर्भ में जरूरी दिशा निर्देश जारी कर दिये हैं. साथ ही 31 अगस्त तक इससे जुड़ी व्यवस्थाओं की तैयारी के प्रतिवेदन भी मांगे हैं.

ये होंगे काम

हाउसकीपिंग के लिए चयनित एजेंसी सभी स्कूल के सभी कमरों की साफ-सफाई , बैंच डेस्क की सफाई, झाड़ू-पोछा,शौचालय एवं यूरिनल की सफाई आदि की सफाई के सभी तरह के काम करेगी. इसके अलावा यह एजेंसी साफ -सफाई के लिए जरूरी फिनाइल, हार्पिक, तेजाब और लिक्विड हैंड वॉश भी उपलब्ध करायेंगे.

चयनित एजेंसी के साथ होगी बैठक

निदेशक प्रशासन सुबोध कुमार चौधरी ने सभी जिला पदाधिकारियों को चयनित एजेंसी के साथ बैठक करने के लिए कहा है, ताकि इस व्यवस्था को एक सितंबर से सुनिश्चित किया जा सके. आदेश में साफ कर दिया गया है कि विद्यालयों में साफ -सफाई पर होने वाले खर्च को स्कूल और शिक्षा विभाग मिल कर वहन करेंगे.

शिक्षा विभाग उपलब्ध करायेगा खर्च की राशि

दरअसल प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में जरूरत पड़ने पर खर्च की राशि शिक्षा विभाग उपलब्ध करायेगा. इसके लिए स्कूल विभाग से राशि मांग सकते हैं. दूसरी तरफ, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में इस पर खर्च होने वाली राशि का वहन विकास कोष और विद्यार्थी कोष से किया जायेगा.

31 अगस्त तक सभी औपचारिकताएं पूरी करने के निर्देश

हाउसकीपिंग व्यवस्था को प्रभावी तौर पर लागू करने के लिए सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों से 31 अगस्त तक सभी औपचारिकताएं पूरी करने के निर्देश दिये गये हैं. पत्र में साफ कर दिया गया है कि हाउसकीपिंग के लिए चयनित एजेंसी को भुगतान प्रति शौचालय प्रतिदिन / प्रति विद्यालय के आधार पर किया जायेगा.

समग्र शिक्षा के भुगतान अब केवल ऑनलाइन

बिहार शिक्षा परियोजना के निदेशक बी कार्तिकेय धनजी ने राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिख कर बता दिया है कि समग्र शिक्षा कार्यक्रम से संबंधित सभी तरह के भुगतान की नयी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी. इसके लिए प्रिंट पेमेंट एडवाइस (पीपीए) जनरेट करने होंगे. अगर अभी तक विद्यालय में कंप्यूटर,प्रिंटर और कंप्यूटर ऑपरेटर की सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो सकी हैं, तो इंटरनेट कैफे में जाकर पीपीए जेनरेट किये जायें. जरूरत पड़ने पर बीआरसी पर जाकर भी पीपीए जेनरेट किये जा सकते हैं.

प्रशासनिक कार्रवाई करके तत्काल बताया जाये

उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं विद्यालय के सारे रोकड़ बही और लेखा पीएफएमएस के जरिये ही संधारित करने के लिए निर्देशित किया गया है. राज्य परियोजना निदेशक धनजी के मुताबिक अगर इस कार्य में लापरवाही बरती जाती है, तो प्रशासनिक कार्रवाई करके तत्काल बताया जाये. उल्लेखनीय है कि पीपीए जनरेट करने की कवायद स्कूलों के स्तर से किये जाने हैं.

Ashish Jha
Ashish Jha
डिजिटल पत्रकारिता के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश. वर्तमान में पटना में कार्यरत. बिहार की सामाजिक-राजनीतिक नब्ज को टटोलने के लिए प्रयासरत. देश-विदेश की घटनाओं और किस्से-कहानियों में विशेष रुचि. डिजिटल मीडिया के नए ट्रेंड्स, टूल्स और नैरेटिव स्टाइल्स को सीखने की चाहत.

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