हाजीपुर. मसाले और सब्जी की खेती करने वाले किसानों के लिए सरकार ने एक नई योजना की शुरूआत की है. एकीकृत उद्यान विकास योजना के तहत अंतरवर्ती खेती को बढ़ावा देने के लिए बिहार में नई योजना शुरू की गई है. यह योजना किसानों को अपनी आय बढ़ाने और कृषि को अधिक टिकाऊ बनाने में मदद करेगी. इस योजना के तहत किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए फसलों के बीज पर 50 फीसदी अनुदान दिया जा रहा है. अगर कोई किसान बगीचे में ओल, अदरक और हल्दी की खेती करते हैं, तो यह अनुदान मिलेगा. इस योजना के माध्यम से सरकार एक ही जमीन पर दो फसलों की खेती को बढ़ावा देने जा रही है.
प्रखंड उद्यान पदाधिकारी किशलय कुमार ने बताया कि योजना के लाभ के लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा. आवेदन स्वीकृत होने के बाद बीज की खरीद पर अनुदान दिया जायेगा. विशेष जानकारी के लिए किसान अपने प्रखंड के उद्यान पदाधिकारी और जिला में सहायक निदेशक उद्यान से संपर्क कर सकते है.योजना से संबंधित मुख्य बातें
हल्दी का क्षेत्र विस्तार
– हल्दी की खेती के लिए प्रति एकड़ कुल इकाई लागत 45,000.00 (पैंतालीस हजार रुपये) का अधिकतम 50 प्रतिशत यानि 22,500.00 (बाईस हजार पाँच सौ रुपये) अनुदान प्रस्तावित है. इसके लिए किसानों को न्यूनतम 0.25 एकड़ एवं अधिकतम 2.00 एकड़ तक का लाभ दिये जाने का प्रावधान है.अदरक का क्षेत्र विस्तार
– अदरक की खेती के लिए प्रति एकड़ कुल इकाई लागत 62,400.00 (बासठ हजार चार सौ रुपये) का अधिकतम 50 प्रतिशत यानी 31,200.00 (एकतीस हजार दो सौ रुपये) अनुदान प्रस्तावित है. इसके लिए किसानों को न्यूनतम 0.25 एकड़ एवं अधिकतम 2.00 एकड़ तक का लाभ दिये जाने का प्रावधान है.ओल का क्षेत्र विस्तार
– ओल की खेती के लिए प्रति एकड़ कुल इकाई लागत 2,81,600.00 (दो लाख एकासी हजार छः सौ रुपये) का अधिकतम 50 प्रतिशत यानि 1,40,800.00 (एक लाख चालीस हजार आठ सौ रुपये) अनुदान प्रस्तावित है. इस योजना के तहत किसानों को न्यूनतम 0.25 एकड़ एवं अधिकतम 1.00 एकड़ तक का लाभ दिये जाने का प्रावधान है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

