गोरौल. वैशाली विधानसभा क्षेत्र में चुनाव संपन्न होने के बाद जीत-हार की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है. चुनाव से पहले समस्या के अलावे कौन अच्छा है तो कौन उम्मीदवार खराब है, को लेकर हर गांव हर बाजारों के अलावे चाय पान के दुकानों पर भी चर्चाएं होती थी. अब जीत-हार को लेकर चर्चा की जा रही है.
सभी पार्टियों के समर्थक अपने-अपने उम्मीदवारों की जीत पक्की बता रहे हैं. कुछ लोग जातीय समीकरण बैठाकर महागठबंधन प्रत्याशी अजय कुशवाहा की जीत पक्की मान रहे हैं, तो कुछ लोग गुणा भाग कर एनडीए उम्मीदवार सिद्धार्थ पटेल की जीत पक्की मान रहे हैं. वहीं, कुछ लोग कांग्रेस उम्मीदवार इ संजीव कुमार की भी इस चुनाव में बाजी मारने के दावे कर रहे हैं. निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में डटे पूर्व मंत्री और इस क्षेत्र से छह बार विधायक रह चुके वृषिण पटेल के समर्थक भी अपनी जीत पक्की मान रहे हैं. वही निर्दलीय महिला उम्मीदवार रूबी कुमारी को भी विश्वास है कि जनता का आशीर्वाद उन्हें खूब मिला है.समर्थक कर रहे पार्टी देने की बात
चाय एवं पान के दुकान पर उपस्थित अजीत पांडेय, संतोष सिंह, मनीष कुमार ने चुनावी चर्चाओं को आगे बढ़ाते हुए इस बार एनडीए उम्मीदवार की जीत निश्चित बता रहे थे. वही उदय कुमार, शमशेर आलम, मुन्ना कुमार, मुकेश कुमार अपने महागठबंधन उम्मीदवार की जीत के दावे कर रहे थे. सभी नेताओं द्वारा अपने अपने नेता की जीत का दावा किया जा रहा है, तो कोई मोदी-नीतीश रूपी नैया पर बैठ चुनाव जीतने का दावा कर रहे है. वहीं, कुछ लोग अपने स्वजातीय के उम्मीदवार की जीत पक्की मान रहे है. कोई बिहार के हित की बात एवं आम जनता की सुरक्षा वो विकास के मुद्दे पर वोट पड़ने का दावा कर रहा है, तो कोई महिलाओं की उन्नति पर वोट मिलने की बात कर रहा है.
सभी उम्मीदवारों के समर्थक अभी से ही मिठाई खिलाने, पार्टी देने पूजा पाठ करने की बात कर रहे है. वही शंभू पांडेय, विजय सिंह, जय किशोर मिश्रा ने चर्चा में बता रहे थे कि कुछ लोग नोटा पर भी वोट देकर सभी उम्मीदवारों को खारिज कर दिया है. कई नेता जिनको कुछ हाथ नहीं लगा वे भी बुझे मन से ही सही, लेकिन अपने उम्मीदवारों के जीत पक्की बता रहे है. वही कुछ ऐसे भी लोग है जो उम्मीदवारों को अपने क्षेत्र से काफी वोट दिलाने का दावा कर चुके थे. उनके चेहरे मुरझाये हुये है. मतगणना के दिन उनकी पोल खुलने वाली है . मतदाता अभी भी चुप्पी साधे हुए है. कुछ बोल नहीं रहे है. देखना यह है कि आगामी 14 नवम्बर को किसके सर पर ताज चढ़ता है और किसे हार मिलती है. अभी तो सभी उम्मीदवार के लोग पक्की जीत के दावे कर रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

