वैशाली
. वैशाली के ऐतिहासिक बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय सह स्मृति स्तूप में शुक्रवार को बड़ा हादसा होते-होते टल गया. प्रतिदिन की तरह आज भी यहां काफी संख्या में स्थानीय लोगों के साथ-साथ निजी एवं सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राएं तथा विभिन्न जिलों से आए पर्यटक पहुंचे थे. दोपहर में स्तूप के दूसरे तल की रैंप की रेलिंग लगभग 20 से 25 फीट तक अचानक ध्वस्त हो गई, जिसकी तेज आवाज और कंपन से पूरे परिसर में अफरा-तफरी मच गई. जिस समय रेलिंग टूटी, उस दौरान बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे तथा अन्य पर्यटक ऊपर चढ़ रहे थे, जबकि कई लोग नीचे की ओर उतर रहे थे. गनीमत रही कि रेलिंग गिरने के बावजूद कोई दुर्घटना नहीं हुई और सभी लोग बाल-बाल बच गए. घटना के तुरंत बाद सुरक्षा बल सक्रिय हुए और ऊपरी तल की ओर जाने वाले मार्ग को घेरकर तत्काल बंद कर दिया. सुरक्षा कर्मियों को तैनात कर दिया गया, ताकि कोई भी पर्यटक उस दिशा में न जाए. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रबंधन ने अस्थायी रूप से एक ही रास्ते से आने-जाने की व्यवस्था लागू की.29 जुलाई को सीएम ने किया था उद्घाटन
घटना के बाद पर्यटक और स्थानीय लोग दहशत में नजर आए तथा रेलिंग की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों को लेकर प्रश्न उठाते दिखे. बताते चलें की इसी वर्ष 29 जुलाई को इसका उद्घाटन सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा किया गया था, लेकिन उद्घाटन के बाद स्तूप परिसर में कुछ काम बाकी रह जाने से आम लोगो के लिए नही खुल सका था. बीते 10 अक्टूबर को पर्यटकों के लिए चालू कर दिया गया था पूरे स्तूप और संग्रहालय परिसर का निर्माण भवन निर्माण विभाग द्वारा किया गया है. 72 एकड़ में फैले इस भव्य परिसर का निर्माण 550.48 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है. संग्रहालय का मुख्य आकर्षण भगवान बुद्ध का पवित्र अस्थि कलश है, जो 1958 और 1962 के बीच हुई खुदाई के दौरान प्राप्त हुआ था, और जिसे पहली मंजिल पर श्रद्धापूर्वक स्थापित किया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

