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hajipur news. नहीं खुले क्रय केंद्र, सरकारी दर 2369 प्रति क्विंटल के बदले 1517 में बिचौलियो को धान बेच रहे किसान

बेमौसम बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है, खेतों में तैयार धान की फसल के बारिश में भींगने से उसके दाने मटमैले हो गये हैं

पटेढ़ी बेलसर. प्रखंड क्षेत्र में बेमौसम बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है. खेतों में तैयार धान की फसल के बारिश में भींगने से उसके दाने मटमैले हो गये हैं. सुनहरा दाना न होने के कारण अब बाजार में ऐसे धान की मांग घट गई है. स्थिति यह है कि किसान अपने तैयार धान को औने-पौने दाम पर बेचने को विवश है.

किसानों का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष धान का समर्थन मूल्य 2369 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है, लेकिन सरकारी खरीद केंद्र अभी तक नहीं खुलने से उन्हें मजबूरन बिचौलियों को मात्र 15 सौ से 17 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान बेचना पड़ रहा है. यह किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है. कई किसानों ने बताया कि धान की गुणवत्ता खराब होने के कारण खरीदार भी नहीं मिल पा रहे है. किसानों ने बताया कि छठ पर्व से पहले काटे गए धान को बिचौलिए किसी तरह खरीद रहे हैं, लेकिन बारिश के बाद मटमैले धान में किसी की दिलचस्पी नहीं है.

एक नवंबर से ही खुलने थे क्रय केंद्र

राज्य सरकार ने एक नवंबर से धान क्रय केंद्र खोलकर सरकारी स्तर पर खरीद शुरू करने की घोषणा की थी, लेकिन प्रखंड क्षेत्र में अब तक एक भी केंद्र संचालित नहीं हुआ है. किसान अब अपनी उपज को बेचने के लिए निजी व्यापारियों या बिचौलियों के भरोसे है.स्थानीय व्यापारियों ने बताया कि चुनाव के कारण अब तक बाहरी राज्यों के बड़े व्यापारी धान खरीदने नहीं आ पाए है. ऐसे में स्थानीय व्यापारी ही सीमित मात्रा में खरीद कर रहे है. वे भी धान की गुणवत्ता देखकर ही दाम तय कर रहे है. जिन किसानों को तुरंत पूंजी की जरूरत है, वे किसी भी कीमत पर अपना धान बेचने को मजबूर है.

किसान चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि हमारे धान में नमी अधिक है. सरकारी केंद्र न खुलने से मजबूर होकर 1600 रुपए प्रति क्विंटल के भाव पर धान बेच दिया.इसी तरह किसान शरीफलाल सिंह ने कहा कि धान बेचने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि अगली फसल की तैयारी करनी है. पूंजी न होने से मजबूरी में घाटे में धान बेचना पड़ रहा है.

क्या कहते हैं पदाधिकारी

धान क्रय केंद्र खोलने की सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. प्रखंड क्षेत्र की चार पंचायतों के किसानों ने धान बिक्री के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है, हालांकि अब तक किसानों की संख्या अपेक्षाकृत काफी कम है. उम्मीद है कि अगले एक से दो दिनों में रजिस्ट्रेशन की रफ्तार तेजी से बढ़ेगी.

कादम्बिनी लता

, प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी, पटेढी बेलसर

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