गोरौल. मोथा तूफान से धान की फसल को काफी नुकसान हुआ है. क्षेत्र के सैकड़ों किसानों ने खेत में ही धान की फसल को छोड़ दिया है. थोड़ा बहुत जो धान की फसल हुई है, उसके खरीदार नहीं हैं. यदि इक्का दुक्का ग्राहक हो भी रहे है तो 6 सौ से 8 सौ रुपये कुंटल दाम लगा रहे है. दूसरी तरफ सरकारी स्तर पर धान की खरीदी नही होने से भी किसानों में मायूसी देखी जा रही. किसान अपने फसल को तैयार कर रखे हुए है, लेकिन कोई भी पैक्स धान की खरीदी नही कर रहा है. किसान करे तो क्या करे सबसे पहले बारिश नही होने के कारण फसल उपजने में काफी खर्चा करना पड़ा. कड़ी मेहनत और साहूकारों से कर्ज लेकर खेती की. जब फसल तैयार हुआ तो तूफान ने बर्बाद कर दिया. जो थोड़ा बहुत उपज हुई है उसे कोई लेने बाला नही है. चूहा तैयार धान को बर्बाद कर रहा है. आज भी धान की खरीदी में बिचौलिये हावी है. किसान मनोज, शम्भू राय, देवन राय, नीलेश पांडेय, सूर्यदेव सिंह, शत्रुधन सिंह, बिलास राय सहित दर्जनों किसानों ने बताया कि फसल तैयार है, लेकिन कोई खरीदने वाला नही है. रुपये की किल्लत और साहूकारों के व्याज भरने के लिए किसान 8 से 9 सौ रुपये प्रति कुंटल अपना धान बेच रहे है. ये बिचौलिये जब क्षेत्र के पूरा धान खरीदकर अपने गोदामों में जमा कर लेंगे उसके बाद सरकारी स्तर पर धान खरीद शुरू किया जायेगा. सरकार के द्वारा धान का खरीदी मूल्य 2369 रूपये प्रति कुंटल रखा गया है. प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी अमित चौधरी ने बताया कि अभी धान की खरीदी शुरू की गई है. धान का समर्थन मूल्य 2369 रुपये प्रति कुंटल सरकारी समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की बात कही है, लेकिन खरीद कितना किया गया है इसके बारे में कुछ भी बताने से इंकार कर दिया. साथ ही कितने किसान धान बेचने के लिए ऑन लाइन आवेदन दिया है. इसकी जानकारी भी उन्हें नही है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

