हाजीपुर. शहर की चर्चित नाट्य संस्था निर्माण रंगमंच की ओर से भारतेंदु हरिश्चंद्र नाट्य महोत्सव आयोजित किया गया. शहर के सांचीपट्टी, विवेकानंद कॉलोनी स्थित निर्मलचंद्र स्टूडियो (निर्माण कार्यालय) में आयोजित दो दिवसीय नाट्योत्सव के पहले दिन नाटक खुचड़ की प्रस्तुति हुई. मुंशी प्रेमचंद लिखित इस नाटक को युवा रंगकर्मी यशवंत राज के निर्देशन में निर्माण रंगमंच ने प्रस्तुत किया. कार्यक्रम का उद्घाटन नाटककार अखौरी चंद्रशेखर, संगीत गुरु कृष्ण कुमार सिन्हा एवं रंगकर्मी कुमार वीरभूषण ने किया. निर्माण के सचिव क्षितिज प्रकाश ने अतिथियों और दर्शकों का स्वागत किया. नाटक का कथासार यूं है कि बाबू कुंदन लाल पुरुषवादी मानसिकता वाले सरकारी मुलाजिम हैं. वे अपनी पढ़ी-लिखी पत्नी के हर काम में खुचड़ निकाला करते हैं. इससे तंग आ चुकी पत्नी रामेश्वरी उन्हें सबक सिखाने के लिए अब अपने मन से कुछ नहीं करती है. जब तक पति का आदेश न हो, वह कोई काम नहीं करती. इस प्रक्रिया से कुंदन बाबू को बहुत परेशानी होने लगती है. अंततः वे पत्नी के सामने नतमस्तक होते हैं और कहते हैं कि मैं अब तुम्हारे किसी काम में खुचड़ नहीं करुंगा. फिर दोनों में सहमति बनती है. नाटक में गौतम कुमार ने बाबू कुंदन लाल, तन्नु प्रिया ने रामेश्वरी, विनोद हाजीपुरी ने सब्जीवाला, यशवंत राज ने नौकर एवं भिखारी, रौशन कुमार ने मित्र तथा विवेक यादव ने फूफा जी की भूमिका निभायी. कलाकारों ने अपने अभिनय से नाटक को प्रभावी बनाया. परोक्ष में पवन कुमार अपूर्व ने लाइट और साउंड, सुजीत कुमार और रंधीर कुमार ने सेट, रविशंकर पासवान एवं प्रशांत कुमार ने वस्त्र विन्यास, रोहित गोस्वामी एवं अमर कुमार ने प्रबंध व प्रचार की जिम्मेवारी संभाली. मार्गदर्शन क्षितिज प्रकाश का रहा.
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