प्रेमराज. मई माह की शुरुआत होते ही तपिश बढ़ती जा रही है. इन दिनों में हर कोई धूप से परेशान है. धूप की वजह से कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. छोटे-छोटे बच्चे, जिनकी इस बार पहली गर्मी है, उनका विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. गर्मी से बच्चों को लू लगने, घमौरियां और त्वचा से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं. इस कारण बच्चों के साथ-साथ माता-पिता को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इधर, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सह हेल्थ वेलनेस सेंटर सोंन्धों के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सत्यनारायण पासवान का कहना है कि गर्मी एक ऐसा मौसम है जो शरीर से पानी को खींच लेता है और डिहाइड्रेशन पैदा कर सकता है. नवजात शिशु सिर्फ मां का दूध पीते हैं और उन्हें इससे पोषण व डिहाइड्रेशन से राहत मिलती है. ऐसे में शिशु को थोड़ी-थोड़ी देर में दूध पिलाते रहना जरूरी है. वहीं, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी मोहम्मद जावेद ने बताया कि सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक तेज गर्मी पड़ती है. इस समय छह महीने से कम उम्र के बच्चों को घर से बाहर नहीं निकालना चाहिए. शिशु की त्वचा में बहुत कम मेलानिन होता है, जिससे बालों, त्वचा और आंखों को अपनी रंगत मिलती है और यह सूर्य की किरणों से बचाती है. बच्चे को गर्मी में सूती और ढीले कपड़े पहनाएं ताकि त्वचा सांस ले सके और ठंडी रहे. इससे हिट रैशेज नहीं होते हैं. यदि आवश्यक हो तो शिशु को सिर पर सूती कैप पहनाकर रखें और सीधे धूप के संपर्क में आने से बचाएं.
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