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hajipur news. वैशाली में बुद्ध स्मृति स्तूप के 38 लेयर की फिनिशिंग पूरी : कुमार रवि

स्तूप को भव्य और आकर्षक बनाने के लिए राजस्थान से गुलाबी पत्थर मंगवाए गये हैं, इसमें 38500 पत्थर लगाये गये हैं, यह संरचना पूरी तरह पत्थरों से निर्मित है

पटना. भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने सोमवार को वैशाली में निर्माणाधीन बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप के निर्माण कार्य की समीक्षा की. उन्होंने स्तूप के निर्माण कार्य की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया. अधिकारियों ने बताया कि बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप का निर्माण कार्य पूरा हो गया है. फिनिशिंग का कार्य तेजी से किया जा रहा है. स्मृति स्तूप के 46 लेयर में से 38 लेयर का फिनिशिंग कार्य पूर्ण कर लिया गया है.

बचे हुए आठ लेयर का फिनिशिंग कार्य तेजी से प्रगति पर

बचे हुए आठ लेयर का फिनिशिंग कार्य तेजी से प्रगति पर है. इसे अप्रैल महीने के अंत तक पूरा कर लिया जायेगा. स्तूप के चारों ओर लिली पाउंड निर्माण का कार्य की भी जानकारी दी गयी. बताया गया कि रैम्प का भी कार्य पूर्ण हो गया है. सचिव ने फिनिशिंग तथा साफ-सफाई कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया. उन्होंने लिली पाउंड का कार्य जल्द पूरा करने का निर्देश भी दिया. संग्रहालय-एक एवं दो में प्रदर्श अधिष्ठापन का काम कार्यकारी एजेंसी को समय पर पूरा करने का निर्देश दिया. साइनेज लगाने का कार्य जल्द पूरा करने को कहा गया. वैशाली में 550.48 करोड़ की लागत से 72.94 एकड़ के भूखंड पर बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप का निर्माण कार्य पूरा हो गया है. मूर्ति का काम ओडिशा के कलाकारों द्वारा किया जा रहा है. स्तूप को भव्य और आकर्षक बनाने के लिए राजस्थान से गुलाबी पत्थर मंगवाए गये हैं. इसमें 38500 पत्थर लगाये गये हैं. यह संरचना पूरी तरह पत्थरों से निर्मित है और पत्थरों को लगाने के लिए सीमेंट या किसी प्रकार चिपकाने वाला पदार्थ या अन्य चीजों का प्रयोग नहीं किया गया है. आने वाले समय में स्तूप का भव्य अर्किटेक्चर विश्व पटल पर अपनी अनोखी पहचान बनायेगा. सीमेंट, ईंट या कंक्रीट जैसी सामग्री के बिना ही 4300 वर्ग मीटर के भूखंड पर स्मृति स्तूप का निर्माण किया गया है. स्तूप की कुल ऊंचाई 33.10 मीटर, आंतरिक व्यास 37.80 मीटर तथा बाहरी व्यास 49.80 मीटर है. स्तूप के भूतल पर 2000 श्रद्धालुओं के बैठकर ध्यान करने के लिए एक विशाल हॉल का निर्माण किया गया है. भगवान बुद्ध से जुड़ी हुई स्मृतियों को रखने के लिए संग्रहालय में भगवान बुद्ध से संबंधित प्रदर्श एवं कलाकृतियों की स्थापना की गयी है. परिसर को सुंदर दिखाने के लिए बड़े पैमाने पर पौधारोपण कर हरियाली विकसित की गयी है. कुल हरियाली क्षेत्र लगभग 271689 वर्गमीटर है. सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली की आपूर्ति के लिए 500 किलोवाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र लगाया गया है. वैशाली में भगवान बुद्ध का अस्थि कलश मिला है, जिसे बुद्ध स्मृति स्तूप में स्थापित किया जायेगा.

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