वैशाली. फेयर प्राइस डीलर एसोसिएशन ने प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को आवेदन देकर बिहार राज्य खाद्य निगम के गोदाम प्रबंधक, एजीएम और डोर डिलीवरी एजेंसी पर अनाज आपूर्ति में घोर लापरवाही, भ्रष्टाचार और धमकीबाजी का गंभीर आरोप लगाया है. डीलरों का कहना है कि गोदाम से मिलने वाला अनाज खराब और कीड़ा युक्त होता है. कई बार सड़े-गले चावल और गेहूं की आपूर्ति की जाती है, फिर भी गोदाम प्रबंधक जबरन वही अनाज लेने को मजबूर करते है, जो डीलर विरोध करते है, उन्हें खुलेआम धमकी दी जाती है कि दुकान की जांच करवा कर रद्द करा देंगे. आवेदन में कहा गया है कि गोदाम से जारी होने वाले चालान में चावल 50.800 किलोग्राम और गेहूं 51 किलोग्राम दर्ज होता है, लेकिन डीलरों को मिलने पर वजन 47 से 48 किलोग्राम ही रहता है. डीलरों ने आरोप लगाया कि गोदाम में बिना तौल के, औसतन वजन पर डिलीवरी दी जाती है, जिससे हर बोरी में 2-3 किलो की चोरी हो रही है. साफ-सुथरा अनाज नहीं देने पर जनता से गाली सुननी पड़ती है, लेकिन गोदाम वाले सुनने को तैयार नहीं. इस संबंध में फेयर प्राइस डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष श्याम किशोर सिंह, राज नारायण पासवान, रमेश कुमार, अजय पासवान, रघुनाथ साह, रंजीत कुमार, वीरेंद्र पासवान, दिलीप कुमार सिंह, भोला भगत, सुमन कुमार, संजीत कुमार, अभिषेक कुमार व शिवचंद्र चौधरी सहित दर्जनों डीलरों ने हस्ताक्षर कर आवेदन दिया है. डीलरों ने मांग की है कि खराब, सड़ा-गला और कीड़ा युक्त अनाज देने वाले गोदाम प्रबंधक एवं एजेंसी की तत्काल जांच कर कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की जाए, साथ ही चेतावनी दी कि यदि इस अनियमितता पर रोक नहीं लगी, तो डीलर आपूर्ति विभाग कार्यालय के बाहर धरना देने को बाध्य होंगे.
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