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बिहार: राजभवन ने मुख्य सचिव से की केके पाठक की शिकायत, इस मामले में एक्शन लेने को कहा

राज्यपाल के प्रधान सचिव रोबर्ट एल चौंग्थू ने बिहार के मुख्य सचिव को पत्र लिख कर कहा है कि शिक्षा विभाग के कुछ कदमों से राज्य का शैक्षणिक माहौल खराब हुआ है. इसके साथ ही उच्च शिक्षा को लेकर पारित तीन पत्रों का हवाला देते हुए कार्रवाई करने को कहा है.

राजभवन ने शिक्षा विभाग के कुछ विशेष आदेशों को असंवैधानिक मानते हुए कड़ी आपत्ति दर्ज करायी है. राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चौंग्थू ने बिहार के मुख्य सचिव को उच्च शिक्षा को लेकर पारित कुछ आदेशों का हवाला देते हुए एक पत्र लिखा है. इस पत्र में कहा गया है कि शिक्षा विभाग के कुछ कदमों के कारण राज्य का शैक्षणिक माहौल खराब हो गया है. प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चौंग्थू ने मुख्य सचिव से कहा है कि इस संबंध में राज्यपाल ने मुझे निर्देश दिया है कि मैं आपसे इस मामले में तत्काल आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध करूं.

राज्यपाल ने माना कि शैक्षणिक माहौल को नष्ट करने का किया जा रहा प्रयास

राज्यपाल के प्रधान सचिव ने उच्च शिक्षा के संदर्भ में जारी तीन पत्रों का हवाला देते हुए राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर तत्काल आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया है. मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा गया है कि राज्यपाल ने माना है कि शिक्षा विभाग के आदेश से ऐसा प्रतीत होता है कि विभाग राज्य के शैक्षणिक माहौल को बर्बाद करना चाहता है.

विधान परिषद सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को सौंपा था ज्ञापन

दरअसल, राज्य विधान परिषद के सदस्यों के एक प्रतिनिधिमंडल ने 19 दिसंबर को राज्यपाल से मुलाकात की थी और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा था. विधान पार्षदों ने शिक्षा विभाग के फैसलों को असंवैधानिक, निरंकुश और अपने विशेषाधिकारों का हनन बताते हुए उस पर कड़ा विरोध जताया था. राज्यपाल से शिक्षा विभाग के उक्त संदर्भित पत्रों को रद्द करने के साथ-साथ संबंधित अधिकारियों पर उचित कार्रवाई करने की अपील भी की गयी थी.

21 और 28 नवंबर को जारी किये गए पत्रों का दिया गया हवाला

जानकारी के मुताबिक शिक्षा विभाग ने कुछ विशेष मामलों में कुछ एमएलसी का वेतन और पेंशन रोकने का आदेश दिया था. इसके अलावा सरकारी आदेशों की आलोचना करने वाले कुछ शिक्षक संगठनों के नेताओं का वेतन और पेंशन रोकने के आदेश भी दिए गए. राजभवन ने जिन पत्रों का हवाला देते हुए यह पत्र लिखा है, उनमें से एक 21 नवंबर को और दूसरा 28 नवंबर को जारी किया गया था.

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क्या था विधान पार्षदों के ज्ञापन में

ज्ञापन के माध्यम से विधान पार्षदों ने राज्यपाल के समक्ष अपनी बात रखते हुए कहा था कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने कुछ आदेशों के जरिये अपना मनमाना रवैया जाहिर किया है. इस पर नियंत्रण लगना चाहिए. विधान पार्षदों ने अपनी शिकायत में कहा था कि शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को संघ बनाने और विभिन्न मुद्दों पर विरोध व्यक्त करने के अधिकार पर पाबंदी लगायी है. साथ ही अखबारों में विज्ञप्ति जारी करने के कारण कुछ शिक्षक संगठनों के वेतन और पेंशन पर भी रोक लगायी गई है, जो संविधान के अनुच्छेद 19, 20 और 21 के प्रावधान पर मौलिक अधिकारों का हनन है. यह रोक हटनी चाहिए.

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Anand Shekhar
Anand Shekhar
Dedicated digital media journalist with more than 2 years of experience in Bihar. Started journey of journalism from Prabhat Khabar and currently working as Content Writer.

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