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गोपालगंज में गंडक नदी की त्रासदी रोकने के लिए हो रही तैयारी, बाढ़ सुरक्षा के लिए बना 23 करोड़ का प्लान

गंडक नदी व बांध के बीच रहने वाले 42 गांवों में हर साल तबाही मचती रही है. बांध को मजबूत करने के लिए हर साल करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी नदी की तबाही को जिले के लोग चार माह तक झेलते रहे हैं. बांध को मजबूत करने में करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी बांध को टूटने से विभाग रोक नहीं पा रहा है.

संजय कुमार अभय, गोपालगंज: गंडक नदी की बाढ़ की त्रासदी से जिले को बचाने के लिए जल संसाधन विभाग ने फुलप्रूफ तैयारी की है. यूपी बॉर्डर के अहिरौली दान से विशुनपुर गाइड बांध तक दो स्कीम सीवान प्रमंडल में तथा गोपालगंज प्रमंडल में सात स्कीम तैयार किये गये हैं. एक्सपर्ट भी मान रहे कि तटबंधों व राजस्व छरकियों पर नौ स्थलों पर दबाव के कारण बांध कमजोर है. उन्हें मजबूत करने के लिए डीपीआर तैयार कर ली गयी है. 23 करोड़ से जिले को बाढ़ से बचाव के लिए डीपीआर बनाकर विभाग को मंजूरी के लिए भेजी गया है. टेक्निकल सेल से मंजूरी मिलने के साथ ही बचाव कार्य भी शुरू हो जायेगा. तटबंधों के मजबूत करने के लिए मुख्य अभियंता अशोक कुमार के स्तर से तैयार डीपीआर विभाग को सौंपी गयी है. इसमें बाढ़ संघर्षात्मक बल के अध्यक्ष मो हामीद व अन्य टेक्निकल जानकारों से भी सहयोग लिया गया है. उसके बाद इस प्रपोजल को मंजूरी के लिए भेजा गया है.

दियारा के 42 गांवों में हर साल तबाही

गंडक नदी व बांध के बीच रहने वाले 42 गांवों में हर साल तबाही मचती रही है. बांध को मजबूत करने के लिए विभाग की ओर हर साल करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी नदी की तबाही को जिले के लोग चार माह तक झेलते रहे हैं. बांध को मजबूत करनें में करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी बांध को टूटने से विभाग रोक नहीं पा रहा है. बांध को मजबूत करने के लिए स्थायी इंतजाम नहीं हो पा रहा है. इस बार भी प्रपोजल पानी में लाठी पीटने जैसा साबित हो सकता है.

10 अक्तूबर को सलेमपुर-बंजरिया में टूट गया था बांध

सलेमपुर-बंजरिया बांध पर रिसाव की खबर होने के बाद कार्यपालक अभियंता रहे श्रवण कुमार व्यास मौके पर पहुंचे. रिसाव को रोकने का प्रयास किया गया. दूसरे दिन 10 अक्तूबर को बांध में दरार आयी. डीएम से लेकर वरीय अधिकारियों को ग्रामीणों ने सूचना दी. बार-बार सूचना देने के बाद विभाग के अधिकारी लेट से पहुंचे जिससे बांध टूट गया. डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी, एसपी आनंद कुमार, एसडीओ डॉ प्रदीप कुमार आदि पहुंचे, जहां अधिकारियों के पहुंचने के बाद स्थिति को संभाला गया.

बनाई गयी योजना 

योजना का नाम – अनुमानित राशि लाख में

  • यूपी बाॅर्डर अहिरौली दान में इंबैकमेंट वर्क – 482.11

  • अहिरौलीदान गाइड बांध पर 7.20 से 8.50 किमी में – 742.03

  • सलेमपुर छरकी पर 1.2 किमी पर एंटी इरोजन वर्क -175.83

  • सलेमपुर छरकी पर 05 से 9.0 किमी एंटी इरोजन वर्क – 406.13

  • सलेहपुर- टंडसपुर छरकी पर 4.5 किमी पर जीओ बैग – 122.26

  • सारण तटबंध पर 83.350 से 83.700 किमी में – 213.48

  • महारानी छरकी पर एंटी इरोजन वर्क – 69.76

  • सारण तटबंध पर 84.10 से 84.40 किमी तक एंटीरोजन – 78.25

  • महारानी छरकी व बीएसएफ जमीनदारी बांध मरम्मति – 05.13

  • कुल राशि – 2294.98

बाढ़ से बचाव के लिए पुख्ता की तैयारी : विभाग

बाढ़ नियंत्रण विभाग के मुख्य अभियंता अशोक कुमार ने बताया कि अगले साल बाढ़ से बचाव के लिए पुख्ता इंतजाम किया जा रहा है. इसमें अभियंताओं के अलावा बाढ़ एक्सपर्ट का भी सहयोग लिया गया है, जिससे नदी को काबू में रखा जा सके.

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