गोपालगंज. अप्रैल माह में दूसरी बार तेज आंधी और बारिश से गेहूं की फसलों को भरी क्षति हुई. रविवार की दोपहर आयी तेज आंधी और बारिश ने किसानों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं. जिले में करीब 22 हजार हेक्टेयर में खड़ी गेहूं की फसल को भारी नुकसान हुआ है. मौसम की मार से गेहूं की बालियां काली पड़ने लगी हैं, जिससे दाना खराब होने का खतरा बढ़ गया है.
कटाई में आ रही दिक्कत
बारिश और तेज हवा के चलते कई जगहों पर फसल जमीन पर गिर गयी है, जिससे कटाई में दिक्कतें आ रही हैं. इससे किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है. खेतों का निरीक्षण करने पहुंचे कृषि विभाग के अधिकारी फसल क्षति का आकलन कर रहे हैं. सभी प्रखंडों में कृषि विभाग के अधिकारी व कर्मी फसल क्षति का आकलन कर रहे हैं. अंचलाधिकारी के द्वारा रिपोर्ट तैयार कर विभाग को सौंपी जायेगी, जिसके बाद किसानों को मुआवजा देने पर विचार होगा.
विभाग ने कहा- 33 प्रतिशत से कम हुई क्षति, तो नहीं मिलेगा मुआवजा
जिला कृषि पदाधिकारी ललन कुमार सुमन ने बताया कि फसल को नुकसान जरूर हुआ है, लेकिन प्रारंभिक आकलन के अनुसार नुकसान की मात्रा 33 प्रतिशत से कम है. ऐसे में नियमानुसार किसानों को मुआवजा नहीं मिल पायेगा. उन्होंने यह भी बताया कि फसल क्षति का आकलन आगे भी जारी रहेगा. विभाग के इस रुख से किसानों में नाराजगी है. उनका कहना है कि खेतों में खड़ी फसल बर्बाद हो चुकी है और अगर मुआवजा नहीं मिलेगा, तो उन्हें कर्ज चुकाने में भारी दिक्कत होगी. किसानाें का यह भी आरोप है कि आकलन केवल कागजों पर हो रहा. धरातल पर कोई जांच नहीं हो रही. कई किसान संगठनों ने सरकार से मांग की है कि पुनः सर्वे कराकर वास्तविक स्थिति का आकलन कराया जाये और जरूरतमंद किसानों को मुआवजा दिया जाये.
खेतों में काटकर रखे गेहूं को इकट्ठा करने में जुटे किसान
रविवार को आयी आंधी और बारिश से सबसे अधिक नुकसान खेत में काटकर रखे गये गेहूं को पहुंचा है. रविवार की अहले सुबह किसान अपनी खेतों में पहुंचे और खेत में काटे गये गेहूं को इकट्ठा करने लगे. किसान टेंशन में थे कि भीगे गेहूं की दवनी कैसे होगी. हरखुआ में गेहूं इकट्ठा कर रहे किसानों का कहना था कि गेहूं की दवनी खेतों में हो जाती है, इसलिए खेतों में रखा गया था. अब इसे बारिश के डर से दूर सुरक्षित रखना पड़ रहा है. ऐसे में दोगुनी मेहनत पड़ रही है. भीगने के बाद उत्पादन प्रभावित होने का भी डर है.
क्या कहते हैं अधिकारीआंधी-बारिश के बाद फसल क्षति का आकलन जारी है. अभी तक हुए आकलन में फसल क्षति का आंकड़ा 33 प्रतिशत से कम है. विभाग के नियमानुसार किसी भी पंचायत में 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान होने की स्थिति में ही किसानों को मुआवजा मिलता है.
ललन कुमार सुमन, जिला कृषि पदाधिकारीडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है