गोपालगंज : दलित उत्पीड़न के मामले को सत्य पाते हुए अपर एवं जिला सत्र न्यायाधीश एक रामप्रकाश की अदालत ने दो आरोपितों को दो-दो वर्षों के सश्रम कारावास एवं एक-एक हजार रुपये की अर्थदंड की सजा सुनायी है. अर्थदंड जमा नहीं करने पर दो माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. बता दें कि भोरे थाना क्षेत्र के कोरेया गांव में गुनराज राम को भूदान यज्ञ कमेटी से सात नवंबर, 1966 को परचा मिला था, जिस पर वे दखल कब्जा में थे.
इस बीच 30 सितंबर, 2003 को गांव के बंशी भगत और गोपी चौधरी भूदान के द्वारा इनकी जमीन पर कब्जा करते हुए नींव काटी जाने लगी. मना करने पर जाति सूचक शब्द का उपयोग करते हुए मारपीट की गयी. बचाने गयी गुनराज राम की पत्नी जयश्री देवी को भी पीटा गया. इस मामले में पीड़ित के बयान पर हाजीपुर अनुसूचित जाति थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी. लंबी जांच के बाद पुलिस ने चार्जशीट दाखिल किया. इस मामले में एडीजे वन के कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई. सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता ग्रिजेश कुमार मिश्रा तथा विशेष लोक अभियोजक गोपीचंद यादव की तरफ से दी गयी दलील और साक्ष्य को देखते हुए कोर्ट ने दोनों को सजा सुनायी. अधिवक्ता अजय कुमार ने बताया कि कोर्ट का फैसला आते ही दोनों आरोपितों को न्यायिक हिरासत में लेते हुए जेल भेज दिया गया.