17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नीतीश के सात नश्चिय को महागंठबंधन की मुहर

पटना :बिहार विधानसभा चुनाव के लिए जदयू, राजद व कांग्रेस के महागंठबंधन ने शुक्रवार को अगले पांच सालों के लिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम जारी किया. महागंठबंधन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सातों निश्चयों पर मुहर लगायी गयी है और इन्हें न्यूनतम साझा कार्यक्रम का आधार व प्राथमिकता मानी है. विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार […]

पटना :बिहार विधानसभा चुनाव के लिए जदयू, राजद व कांग्रेस के महागंठबंधन ने शुक्रवार को अगले पांच सालों के लिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम जारी किया.

महागंठबंधन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सातों निश्चयों पर मुहर लगायी गयी है और इन्हें न्यूनतम साझा कार्यक्रम का आधार व प्राथमिकता मानी है.

विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनने पर इसे बिहार में लागू किया जायेगा. शुक्रवार को जदयू के प्रदेश कार्यालय में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने न्यूनतम साझा कार्यक्रम जारी करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकसित बिहार के सातों निश्चयों को भी इसमें शामिल किया गया है.

इन निश्चयों में आर्थिक हल-युवाओं को बल, आरक्षित रोजगार-महिलाओं को अधिकार, हर घर बिजली लगातार, हर घर नल का जल, घर तक पक्की गली-नालियां, शौचालय निर्माण-घर का सम्मान और अवसर बढ़े-आगे बढ़े शामिल हैं. इसके साथ-साथ बिहार में न्याय के साथ विकास किया तो जायेगा ही, आरक्षण पर रत्ती भर की न तो छेड़छाड़ की जायेगी और न ही इस तरह की किसी संभावना को बरदास्त किया जायेगा.

महागंठबंधन ने अपने न्यूनतम साझा कार्यक्रम में कानून का राज, सुशासन, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा पर भी विशेष जोर दिया है. वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि संविधान में स्वीकृत आरक्षण व्यवस्था से रत्ती भर भी छेड़छाड़ की किसी भी संभावना का महागंठबंधन पुरजोर विरोध करेगा. संविधान ने सामाजिक व शैक्षिक रूप से पिछड़ी जातियों के लिए यह विशेष व्यवस्था की है.

महागंठबंधन बिहार के सर्वांगीण उत्थान के लिए सामान्य वर्गों के गरीबों के कल्याण व उत्थान के लिए भी काम करेगा. इसके लिए राज्य में गठित सवर्ण आयोग की प्रभावी भूमिका होगी. इसके साथ-साथ महागंठबंधन सरकार बनने के बाद बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए काम करेगा. इसे पूरे बिहार का समर्थन है.

विशेष राज्य का दर्जा मिलने से राज्य में निवेश को प्रोत्साहन होगा और राज्य की आर्थिक प्रगति होगी. महागंठबंधन बिहार की अस्तिमता और पहचान के प्रति भी प्रतिबद्ध है. भाजपा या अन्य किसी ताकतों द्वारा बिहार को अपमानित करने या नीचा दिखाने के किसी भी प्रयास का मुंहतोड़ जवाब दिया जायेगा.

महागंठबंधन ने केंद्र सरकार से जातिगत जनगणना को जारी करने की मांग की है. साथ ही मांग की गयी कि जनसंख्या के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था की जाये और निजी क्षेत्रों में भी आरक्षण का प्रवाधान किया जाये. महागंठबंधन ने इंदिरा आवास, मनरेगा, सर्वशिक्षा अभियान में जो भाजपा की सरकार ने कटौती की है,

उसका विस्तार किया जाये और उन्हें लागू किया जाये. उन्होंने कहा कि महागंठबंधन विशिष्ट वर्गों के लिए चल रहे भाजपा के क्रोनी कैपिटलिज्म (सांठगांठ वाला पूंजीवाद) के विकास मॉडल को जनविरोधी मानता है.

इससे कुछ मुट्ठी भर अमीर लोग ही लाभांवित होते हैं. इससे मध्यम वर्ग, किसानों, गरीबों और मजदूरों को कोई लाभ नहीं होता है.इस मौके पर जदयू के राज्यसभा सांसद पवन कुमार वर्मा व हरिवंश, विधान पार्षद संजय सिंह गांधी और प्रदेश महासचिव डाॅ नवीन कुमार आर्य, राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रो मनोज झा, प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी और कांग्रेस के प्रवक्ता हरखु झा व चंदन यादव, जदयू केमौजूद थे.

नीतीश कुमार के सात निश्चय :- योजना का नाम अनुमानित खर्च 1. आर्थिक हल-युवाओं को बल 49,800 करोड़ 2. आरक्षित रोजगार-महिलाओं को अधिकार ——-3. हर घर बिजली लगातार 55,600 करोड़4. हर घर नल का जल 47,700 करोड़5. घर तक पक्की गली-नालियां 47,700 करोड़6. शौचालय निर्माण-घर का सम्मान 28,700 करोड़7. अवसर बढ़े-आगे बढ़े 10,300 करोड़

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें