Gaya Crime News: गया नगर निगम में एक चौंकाने वाला फर्जीवाड़ा सामने आया है, जहां गोसाईबाग निवासी दिलीप कुमार ने अपनी जिंदा मां मीना देवी को मृत दिखाकर उनका मृत्यु प्रमाणपत्र बनवा लिया. मामला तब खुला जब मीना देवी ने स्वयं जीवित होने का दावा करते हुए नगर निगम में आवेदन दिया. इसके बाद शनिवार को निगम में दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी गई.
क्या है पूरा मामला ?
नगर निगम के रिकॉर्ड के अनुसार, दिलीप ने 6 जून 2024 को आवेदन देकर बताया था कि उनकी मां की मृत्यु 28 फरवरी 2024 को बुढ़ापे से हो गई. आवेदन के साथ वार्ड-17 की पार्षद सोनी देवी की अनुशंसा और दो गवाहों बाबूलाल एवं शंकर प्रसाद के आधार कार्ड भी संलग्न थे. दंडाधिकारी के सामने शपथ-पत्र जमा करने के बाद निगम कर्मी धीरेंद्र कुमार ने जांच की और 28 जुलाई 2024 को रिपोर्ट सौंप दी. इसी आधार पर 3 अक्टूबर 2024 को मीना देवी का मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया.
आरोपी की मां ने लगाया आरोप
मामले को और गंभीर बनाते हुए मीना देवी ने आरोप लगाया कि मृत्यु प्रमाणपत्र मिलते ही दिलीप ने गोसाईबाग स्थित उनके मकान को अपने नाम कराने के लिए आवेदन किया, जिसके बाद कुछ माह पहले संपत्ति का नामांतरण भी कर दिया गया. निगम अधिकारियों का कहना है कि प्रमाणपत्र जमा करने के बाद ही नामांतरण की प्रक्रिया पूरी की गई. वहीं पार्षद सोनी देवी ने इस अनुशंसा पत्र पर अनभिज्ञता जताई और हस्ताक्षर की जांच कर कानूनी कार्रवाई की बात कही.
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उपनगर आयुक्त ने क्या कहा ?
नगर निगम ने जारी जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्रों की विश्वसनीयता पहले भी सवालों के घेरे में रही है. ऐसे में यह मामला फिर से सिस्टम की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर रहा है. उपनगर आयुक्त शशि शेखर ने कहा कि यह गंभीर धोखाधड़ी है और पूरे मामले की जांच कर सख्त कार्रवाई की जाएगी. साथ ही प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया को और कड़ा किया जाएगा.

