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23 हजार रुपये में इ पिंडदान का पैकेज हुआ लॉन्च

राजकीय पितृपक्ष मेले में अपने घरों पर रहकर पिंडदान करने की इच्छा रखनेवाले तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए बिहार सरकार के स्टेट टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन द्वारा इ पिंडदान का पैकेज शुरू किया गया है.

गया. राजकीय पितृपक्ष मेले में अपने घरों पर रहकर पिंडदान करने की इच्छा रखनेवाले तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए बिहार सरकार के स्टेट टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन द्वारा इ पिंडदान का पैकेज शुरू किया गया है. इस बार टूरिज्म विभाग द्वारा यह पैकेज 23 हजार रुपये में तीर्थयात्रियों को सभी सुविधाओं के साथ उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके लिए पर्यटन विभाग ने ऑनलाइन काउंटर खोल दिया है. जो समय के अभाव अथवा अस्वस्थ रहने के कारण गयाजी आने में असमर्थ हैं, अधिकतर ऐसे लोग हैं इ पिंडदान का लाभ ले सकते हैं. ऐसे लोग www. bstdc.bihar.gov.in वेबसाइट पर 23 हजार रुपये का भुगतान कर बुकिंग कर सकते हैं. पर्यटन विभाग की माने तो इस शुल्क में विष्णुपद, फल्गु नदी व अक्षयवट सहित तीन वेदी स्थलों पर पिंडदान करा कर व उसका ऑडियो वीडियो बनाकर बुकिंग करने वाले तीर्थयात्रियों को उपलब्ध कराया जायेगा. पूजन सामग्री, विधि विधान व ब्राह्मणों का दान दक्षिणा भी इस पैकेज में शामिल है. इ पिंडदान करने वाले तीर्थ यात्रियों को पिंडदान से जुड़े कर्मकांड का वीडियो ऑडियो भी इसी पैकेज में उन्हें उपलब्ध कराया जायेगा. पर्यटन कार्यालय के प्रधान लिपिक राणा गौतम ने बताया कि इ पिंडदान की बुकिंग के लिए लोग इंक्वारी कर रहे हैं, लेकिन बुकिंग अभी किसी भी यात्री द्वारा नहीं कराया गया है. उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा इ पिंडदान की व्यवस्था वर्ष 2017 से शुरू की गयी है. विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष शम्भू लाल बिट्ठल ने कहा कि पंडा समाज शुरू से इ पिंडदान का विरोध कर रहा है. उन्होंने कहा कि गयाजी आकर पिंडदान करने का ही शास्त्र सम्मत है. तभी पूर्वजों को मोक्ष मिलेगा. शास्त्रों को चुनौती देना ठीक नहीं है. उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि शास्त्रों की व्यवस्था पर चोट न करें.

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