गया: गया जिले के रहनेवाले जीतनराम मांझी के मुख्यमंत्री बनने के बाद जिले के विकास से संबंधित योजनाओं ने गति पकड़ ली है. वर्षो से फाइल में बंद हर लंबित योजनाओं को खोज-खोज का निकाला जा रहा है और सभी फाइलें राजधानी एक्सप्रेस की चाल से हर अफसरों के टेबुलों से गुजर रही हैं.
गया जिले के नक्सलग्रस्त बांकेबाजार प्रखंड के लुटुआ, डुमरिया प्रखंड के मैगरा, भदवर व छकरबंधा, इमामगंज प्रखंड के सोहैल व बाराचट्टी के धनगाई में थाना खोलने व सदर अनुमंडल क्षेत्र स्थित टनकुप्पा व चाकंद ओपी को थाना का दर्जा देने की कवायद तेजी से की जा रही है. इन थानों के लिए करोड़ों रुपयों की लागत से बिल्डिंग बनेगी. इसके लिए संबंधित जमीन के आवंटन व उससे संबंधित प्रक्रियाएं काफी तेजी से पूरी की जा रही है. इसको लेकर जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल ने बांकेबाजार, डुमरिया, इमामगंज, बाराचट्टी, टनकुप्पा व चंदौती के अंचलाधिकारी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है. जिलाधिकारी ने बताया कि चिह्न्ति किये गये नये थानों के लिए एक-एक एकड़ जमीन की तलाश करने व जमीन के हस्तांतरण से संबंधित निर्देश अंचलाधिकारियों को दिया है. एक-एक कर अंचलाधिकारियों द्वारा रिपोर्ट भेजी जा रही है.
भाकपा-माओवादी संगठन की कमर तोड़ने पर है नजर: 1990 के दशक से भाकपा-माओवादी संगठन (पहले एमसीसी) ने शेरघाटी अनुमंडल के झारखंड सीमावर्ती इलाके के ग्रामीण क्षेत्रों में गहरी पैथ बना कर रखा है. पुलिस वरदी के रोब से भयभीत लोगों ने माओवादियों की मदद की.
इससे माओवादी संगठन की पकड़ सुदूरवर्ती इलाके में मजबूत होती गयी. लेकिन, हाल के वर्षो में एएसपी (नक्सल) शंभु प्रसाद के नेतृत्व में नक्सलग्रस्त इलाकों में कांबिंग ऑपरेशन तेज किया गया और गांव के लोगों के साथ पुलिस के रिश्ते अच्छे बनाने के लिए कई कारगर कदम उठाये गये. इससे लोगों के बीच पुलिस के प्रति हमदर्दी बढ़ी और उन्हें माओवादियों की गतिविधि से संबंधित छोटी-छोटी जानकारियां पुलिस के वरीय अधिकारियों तक पहुंचाया. इसके अच्छे परिणाम निकले.
एएसपी श्री प्रसाद द्वारा की गयी कार्रवाई से नक्सलग्रस्त इलाके में किसी वीवीआइपी के आने के बाद सड़क किनारे सुरक्षाबलों की तैनाती बंद हो गयी. लगातार सफलता मिलने के बाद पिछले वर्ष डीजीपी अभयानंद ने लुटुआ, छकरबंधा व सेवरा में पुलिस कैंप की स्थापना करायी. इन कैंपों से माओवादियों की सप्लाइ लाइन बंद हो गयी. इमामगंज, डुमरिया सहित अन्य बाजारों से माओवादियों को भेजी जानेवाली आवश्यकता की सामानों पर रोक लग गयी. इससे माओवादियों की कमर टूटती चल गयी. लेकिन, अब इस इलाके से माओवादियों को हमेशा के लिए नेस्ताबूद करने के लिए बांकेबाजार प्रखंड के लुटुआ, डुमरिया प्रखंड के मैगरा, भदवर व छकरबंधा, इमामगंज प्रखंड के सोहैल व बाराचट्टी के धनगाई में थाना खोलने की पहल की गयी.