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इफको खाद की फ्रेंचाइजी के नाम पर कश्मीर से कन्याकुमारी तक ठगी, मेडिकल छात्रों ने बनाया था गिरोह,जानें पूरा खेल

अंकित मूल रूप से नालंदा जिले के कतरीसराय का रहने वाला है, लेकिन वह पूरे परिवार के साथ दिल्ली में रहता है और बीटेक की पढ़ाई कर रहा है. वहीं, आनंद मुरारी उर्फ राजा एमपी में भोपाल के नामी मेडिकल कॉलेज के नर्सिंग का छात्र है. इन दोनों शातिरों से पुलिस ने पूछताछ की, तो वे पुलिस को ही पैसे का ऑफर देने लगे

शुभम कुमार, पटना

सर…आपको कितना चाहिए, बोलिए तो सही. देखिए, मैंने अभी आठ-लाख की कार खरीदी है. आप जो बोलिए, वो मिलेगा. दिल्ली के टोन बोलते हुए शातिर रंजन कुमार उर्फ अंकित बीच-बीच में फर्राटेदार अंग्रेजी भी बोल रहा था. अंकित मूल रूप से नालंदा जिले के कतरीसराय का रहने वाला है, लेकिन वह पूरे परिवार के साथ दिल्ली में रहता है और बीटेक की पढ़ाई कर रहा है. वहीं, आनंद मुरारी उर्फ राजा एमपी में भोपाल के नामी मेडिकल कॉलेज के नर्सिंग का छात्र है. इन दोनों शातिरों से पुलिस ने पूछताछ की, तो वे पुलिस को ही पैसे का ऑफर देने लगे. दरअसल, इन दोनों से पूछताछ में पता चला कि इनके गिरोह में एक-दो नहीं, बल्कि 30 से 40 लोग काम करते हैं और सभी मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले हैं.

पढ़ाई के दौरान जान-पहचान बढ़ायी

गिरोह में कई एग्रीकल्चर की पढ़ाई करने वाले भी हैं. सभी ने एक-दूसरे से पढ़ाई के दौरान जान-पहचान बढ़ायी है. तमिलनाडु के रंजन कुमार से एक करोड़ रुपये की ठगी की गयी है. थानाध्यक्ष मनोरंजन भारती ने बताया कि सोमवार को गिरोह के सभी खातों की जानकारी बैंक से मांगी जायेगी. वहीं, किसानों द्वारा करायी गयी एफआइआर की कॉपी भी मांगी जा रही है.

कई लड़कियां भी थीं शामिल, वाट्सएप ग्रुप मिला

जब्त मोबाइल में एक ग्रुप मिला है. उसमें कई लोग जुड़े हैं और केवल दस्तावेज के पीडीएफ डाले गये हैं. यही नहीं, इसमें किसी ने भी अपनी तस्वीर नहीं लगायी है, बल्कि उसमें किसानों के इफको की तस्वीर है. कैसे फ्रेंचाइजी लें, कैसे फॉर्म भरें और कैसे रजिस्ट्रेशन करें. उनके मोबाइल में इफको की फ्रेंचाइजी व डीलरशिप के लिए फाॅर्म भी मिले हैं, जो गिरोह के सदस्य लोगों को भरने के लिए भेजते थे. यही नहीं, डीलर अनुभाग के अधिकारी के खुद हस्ताक्षर कर इफको का एप्रुवल लेटर बनाकर भेजते थे.

एटीएम से पैसा कलेक्ट करने के लिए रामकृष्णा नगर में बनाया था सेटअप

इस गिरोह ने रामकृष्णा नगर में एक फ्लैट ले रखा है. इस फ्लैट में पूरा सेटअप बनाया गया था, जिसमें कई लोग काम करते हैं. वे ठगी के पैसे को एटीएम से निकाल कर बताये गये खाते में भेजते थे और फर्जी खाता खुलवाना और फर्जी सिम लेना भी इनका काम था. इन लोगों को सैलरी पर रखा गया था. गिरफ्तार दोनों आरोपित अपनी नयी कार से रामकृष्णानगर स्थित फ्लैट में शातिरों से मिलने पहुंचे थे. हिसाब-किताब देखना था.

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