14.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

बिहार में हर साल मिलते हैं 1.5 लाख नये कैंसर मरीज, छह जिलों में काम कर रहे डेकेयर सेंटर

कैंसर रोग से पीड़ित मरीजों की कीमोथिरेपी के लिए छह जिले नालंदा, पटना, मुजफ़्फरपुर, दरभंगा, भागलपुर और पूर्णिया में पैलिएटिव केयर सेंटर संचालित किया जा रहा है. कैंसर के वैसे मरीज जो अब लाइलाज हो चुके हैं उनकी पीड़ा को दूर करने के लिए पैलिएटिव केयर सेंटर चलाया जाता है.

पटना. स्वास्थ्य विभाग और होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर द्वारा राज्य के सभी 38 जिलों में कैंसर की पूर्व पहचान को लेकर जांच अभियान चलाया जा रहा है. राज्य के कैंसर रोग से पीड़ित मरीजों की कीमोथिरेपी के लिए छह जिले नालंदा, पटना, मुजफ़्फरपुर, दरभंगा, भागलपुर और पूर्णिया में पैलिएटिव केयर सेंटर संचालित किया जा रहा है. कैंसर के वैसे मरीज जो अब लाइलाज हो चुके हैं उनकी पीड़ा को दूर करने के लिए पैलिएटिव केयर सेंटर चलाया जाता है. जहां पर मरीजों को वैसी दवाएं दी जाती है जो असह्य पीड़ा को दूर कर सके.

बिहार में हर साल लगभग 1.5 लाख नये कैंसर रोगियों की पहचान

स्वास्थ्य विभाग द्वारा मंगलवार को होमी भाभा कैंसर अस्पताल के एक साल की गतिविधियों की समीक्षा की गयी. विशेषज्ञों का मानना है कि बिहार में हर साल लगभग 1.5 लाख नये कैंसर रोगियों की पहचान की जाती है और उनमें से अधिकांश एडवांस स्टेज में होते हैं. इसे देखते हुए एडवांस स्टेज के मरीजों को पैलिएटिव केयर की आवश्यकता है.

छह जिलों में चलाया जा रहा है पैलिएटिव केयर सेंटर

भाभा कैंसर अस्पताल की ओर से मुजफ्फरपुर, पटना, भागलपुर, नालंदा, सीवान और बेगूसराय छह जिलों में पैलिएटिव केयर सेंटर चलाया जा रहा है. पैलिएटिव केयर के माध्यम से फिलहाल 484 मरीजों को दर्द निवारक दवाएं दी जा रही है. पैलिएटिव केयर सेंटर को बढ़ाकर अब राज्य के 17 जिलों में करने पर सहमति बनी है.

डेकेयर सेंटर की शुरुआत की गयी

सरकार के सहयोग से भाभा कैंसर अस्पताल द्वारा छह जिलों कीमोथेरेपी को लेकर डेकेयर सेंटर की शुरुआत की गयी है. इसमें नालंदा, पटना, मुज्जफ्फरपुर, दरभंगा, भागलपुर और पूर्णिया जिला शामिल है. यहां पर कैंसर के 231 मरीजों को दिन में रखकर कीमोथिरेपी (दवा) देने का काम किया जा रहा है.

जुलाई 2023 तक 805 कैंसर के मरीज पाये गये

समीक्षा में पाया गया कि नवंबर 2022 से लेकर जुलाई 2023 तक कुल चार लाख 46 हजार लोगों की कैंसर की जांच की गयी. इसमें 805 कैंसर के मरीज पाये गये है. कैंसर के मरीजों में 299 मुंह के कैंसर, 138 स्तन कैंसर, 144 बच्चेदानी के मुख का कैंसर और 254 अन्य प्रकार के कैंसर के मरीज पाये गये हैं.

38 जिलों में 5697 शिविर का आयोजन किया गया

इन मरीजों की जांच के लिए 38 जिलों में 5697 शिविर का आयोजन किया गया. साथ ही 26 हजार 568 स्वास्थ्य कर्मियों को कैंसर का प्रशिक्षण दिया गया है. समीक्षा बैठक में बीएमएसआइसीएल को कैंसर के इलाज की 69 प्रकार की दवाओं की आपूर्ति करने का निर्देश दिया गया है.

बिहार के इस गांव में सबसे ज्यादा कैंसर से मौत

मुजफ्फरपुर के गायघाट प्रखंड के बाघाखल गांव में विगत कुछ वर्षों में कैंसर से कई लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि अब भी कई लोग इलाजरत है. इस गांव में और गांव के आसपास कैंसर के मरीज लगातार मिल रहे हैं. यहां के लोगों का कहना है कि पिछले छह साल से कैंसर के कारण कई लोगों की मौत हुई है. जिनमें कई लोग युवा हैं. जिसके कारण स्थानीय लोगों में इसको लेकर भय देखने को मिल रहा है, ग्रामीणों का कहना है कि सरकार और प्रशासन इसकी जांच करें कि आखिर यहां के लोगों को क्यों कैंसर हो रहा है, कही खान पान या पीने की पानी में तो कोई समस्या तो नहीं.

स्वास्थ विभाग की टीम पहुंची गांव

जब मामले ने तूल पकड़ा और लोग वजहों की जांच को लेकर मांग करने लगे, तब जाकर स्वास्थ्य विभाग की नींद खुली. पिछले दिनों बाघाखाल में होमी भाभा रिसर्च सेंटर और कैंसर अस्पताल की टीम गांव पहुंची और लोगो का स्क्रीनिंग और जांच किया गया. जांच करने पहुंची डॉक्टर अनुराधा की टीम ने कहा कि लोग अबतक पूरी तरह जागरूक नहीं हो रहे है, लोग बीमारी छुपा रहे खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं, क्योंकि कैंसर की शुरुवाती लक्षण में ही ध्यान दिया जाए तो ऐसा मामला नही आएगा, वहीं डॉक्टर ने पानी की शुद्धता पर कहा कि ऐसा कुछ नहीं है अगर ऐसा होता तो पूरे बिहार में ऐसी स्थिति होती.

अब तक कोई ठोस कारण नहीं मिला

जांच टीम में शामिल सदस्यों ने कहा कि यहां हुई जांच में यह पाया गया कि तंबाकू का सेवन एक कारण हो सकता है. वैसे यहां सर्वाइकल कैंसर और ओरल कैंसर की जांच की गई है. बात यहां की औरतों की करें तो कुछ के पीत की थैली में पथरी पाए गए हैं. उन्होंने बताया कि यह पथरी ही आगे चलकर कैंसर का कारण बन जाता है. यह काफी हद तक खान-पान के कारण होता है. अगर समय पर इलाज मिले तो इस समस्या को दूर किया जा सकता है.

Ashish Jha
Ashish Jha
डिजिटल पत्रकारिता के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश. वर्तमान में पटना में कार्यरत. बिहार की सामाजिक-राजनीतिक नब्ज को टटोलने के लिए प्रयासरत. देश-विदेश की घटनाओं और किस्से-कहानियों में विशेष रुचि. डिजिटल मीडिया के नए ट्रेंड्स, टूल्स और नैरेटिव स्टाइल्स को सीखने की चाहत.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel