Bihar Elephant News: नेपाल से आए जंगली हाथियों ने किशनगंज के लोगों की नींद उड़ाकर रखी है. किसानों के फसलों को तबाह करने के साथ ही हाथियों का झुंड रिहाइशी इलाकों में धड़ल्ले से प्रवेश करता है और मकानों को तहस-नहस करते हुए निकल जाता है. इन जंगली हाथियों ने कई ग्रामीणों की जान भी ले ली है. नेपाली जंगली हाथियों का दायरा धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है. पहले हाथियों का झुंड सीमावर्ती क्षेत्रों में ही डेरा जमाता था, और हाथी तोड़-फोड़ करते थे.लेकिन अब ये सीमा से करीब 10 किलोमीटर अंदर गांवों में घुसकर तबाही मचाने लगे हैं. इसका एक वीडियो भी वायरल हुआ है. वहीं अब इन हाथियों को रोकने के लिए विशेष मशीन लगाने का प्रस्ताव भेजा गया है.
गांवों में हाथियों ने जबरदस्त तोड़ फोड़ किया
किशनगंज के टेढ़ागाछ प्रखंड के बैरिया व आसपास के गांवों में जंगली हाथियों ने प्रवेश किया और कई घरों को नुकसान पहुंचाया. इसका वीडियो सामने आया है. ये हाथी मक्के की फसल को भी बर्बाद कर देते हैं. इससे पहले सीमा से करीब 10 किलोमीटर अंदर मंगुरा पंचायत के कई गांवों में पहुंचकर हाथियों ने जबरदस्त तोड़ फोड़ किया. फसल को भी नुकसान पहुंचाया. जंगली हाथियों का उत्पात लगातार जारी है. जिससे लोग बेहद परेशान हैं. जहां एक बार फिर जंगली हाथियों के झुंड ने गुवाबारी सहित कई गांवों में जमकर उत्पात मचाया है.
जमकर उत्पात मचा रहे हाथी
लोगों ने बताया कि रविवार की देर रात करीब दो बजे से सोमवार की अहले सुबह तक जंगली हाथियों ने गुवाबारी, कचुनाला, डुबाटोली आदि गांव में जमकर उत्पात मचाया. इस दौरान जंगली हाथियों ने गांव में एकाएक हमला कर दिया. जहां जंगली हाथियों ने एक कच्चे घर को तोड़ दिया. जहां घर के अंदर रखे अनाज को भी नष्ट कर दिया. वहीं इस दौरान रातभर मक्के की फसल को हाथियों ने बर्बाद कर दिया. सोमवार की सुबह से ही जंगली हाथियों की झुंड ने मक्के खेतों में डेरा जमा लिया. इधर लगातार हाथियों द्वारा मचाये जा रहे उत्पात से लोग सकते में है.
अब मशीनों से रोकने का किया जाएगा प्रयास
लगातार हाथियों के उत्पात से तंग आकर अब दिघलबैंक प्रखंड में हाथी को आने से रोकने के लिए 240 एनीडर्स यंत्र लगाए जाने का प्रपोजल विभाग को भेजा गया है. जिससे करीब 20 किलोमीटर तक सीमावर्ती इलाके को जंगली हाथियों से सुरक्षित रखा जा सकेगा. बता दें कि मक्का खाने के लोभ में ये जंगली हाथी नेपाल से भारत में प्रवेश कर जाते हैं.
Published By: Thakur Shaktilochan