20.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार में बिजली हुई महंगी, लेकिन नहीं बढ़ेगा लोगों का बिल, जानिए सरकार ने कैसे किया कमाल

बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने छह साल बाद 2023 में बिजली दरों में बड़े स्तर पर बढ़ोतरी की. इससे पहले 2017-18 में आयोग ने बिजली दर में एकमुश्त 55 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. इस पर राज्य सरकार ने 30 फीसदी सब्सिडी देकर मात्र 25 फीसदी बढ़ोतरी का बोझ उपभोक्ताओं के कंधे पर डाला था.

पटना. बिहार के बिजली उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है. एक अप्रैल 2023 से आम लोगों के लिए प्रस्तावित बिजली दर में अब कोई बदलाव नहीं होगा. बिहार सरकार ने बिजली कंपनियों को 13114 करोड़ रुपये का अनुदान देकर विद्युत विनियामक आयोग द्वारा 2023-24 के लिए बिजली दर में की गयी 24.01 फीसदी बढ़ोतरी को पूरी तरह खत्म कर दिया है. यानी राज्य में बिजली तो महंगी हुई है, पर आम जनता पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.

हाइटेंशन उपभोक्ताओं को भी बिजली सब्सिडी का लाभ

राज्य सरकार की अनुदान की घोषणा के बाद अब पहली बार हाइटेंशन श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं को भी एक से डेढ़ रुपये की सब्सिडी का लाभ मिलेगा. हालांकि, फिक्सड चार्ज में दोगुनी बढ़ोतरी बरकरार रहने से अधिक लोड रखने वाले बिजली उपभोक्ताओं के मासिक बिजली खर्च में बढ़ोतरी होगी.

घरेलू व गैर घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए अब मात्र दो स्लैब

नये वित्तीय वर्ष में घरेलू और गैर घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए पहले से निर्धारित तीन स्लैब की जगह अब मात्र दो स्लैब होंगे. ग्रामीण क्षेत्र में पहले तीन स्लैब शून्य से 50, 51 से 100 और 100 यूनिट से ऊपर निर्धारित था, जो अब शून्य से 50 और 50 यूनिट से ऊपर हो गया है. इसी तरह, शहरी क्षेत्र में पहले एक से 100, 101 से 200 और 200 से अधिक का स्लैब था, जिसे घटा कर एक से 100 और 100 यूनिट से ऊपर कर दिया गया है.

ग्रामीण क्षेत्र में पहले 100 यूनिट से कम, जबकि शहरी क्षेत्र में 200 यूनिट से कम बिजली खर्च करने पर उपभोक्ताओं को कम दर पर भुगतान करना होता था, लेकिन अब दो टैरिफ निर्धारित होने से ग्रामीण क्षेत्र में 50 यूनिट से अधिक और शहरी क्षेत्र में 100 यूनिट से अधिक बिजली खर्च करने पर ही पीक टैरिफ पर बिजली खपत का भुगतान करना होगा. हालांकि, बिजली कंपनी का कहना है कि स्लैब बदलाव का असर उपभोक्ताओं पर अधिक नहीं पड़ेगा. सूबे में ग्रामीण क्षेत्र के 90 फीसदी उपभोक्ता 50 यूनिट से कम ,जबकि शहरी क्षेत्र के 75 फीसदी उपभोक्ता 100 यूनिट से कम बिजली खपत करते हैं.

Also Read: बिहार के बिजली उपभोक्ताओं पर नहीं बढ़ेगा बोझ, सरकार देगी 13114 करोड़ की सब्सिडी
2017-18 के बाद 2023-24 में बड़े स्तर पर बिजली दर में हुई थी बड़ी बढ़ोतरी

बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने छह साल बाद 2023 में बिजली दरों में बड़े स्तर पर बढ़ोतरी की. इससे पहले 2017-18 में आयोग ने बिजली दर में एकमुश्त 55 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. इस पर राज्य सरकार ने 30 फीसदी सब्सिडी देकर मात्र 25 फीसदी बढ़ोतरी का बोझ उपभोक्ताओं के कंधे पर डाला था. फिर 2018-19 में पांच फीसदी बढ़ोतरी, 2019-20 में शून्य बढ़ोतरी, 2020-21 में 10 पैसे प्रति यूनिट की कमी, 2021-22 में 0.06 पैसे की वृद्धि और फिर 2022-23 में शून्य वृद्धि हुई. 2023-24 में कंपनियों ने बिजली दर में करीब 54 फीसदी बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया, जिसके मुकाबले आयोग ने 24.10 फीसदी की वृद्धि मंजूर की थी.

खरीद लागत बढ़ने की वजह से बढ़ गयी बिजली आपूर्ति दर

दरअसल फ्यूल कॉस्ट बढ़ने से बिजली उत्पादन व आपूर्ति लागत बढ़ी है, जिसका असर बिजली दरों पर पड़ रहा है. विनियामक आयोग ने बिजली दर में 24.10 फीसदी बढ़ोतरी के पीछे पावर परचेज कॉस्ट में बढ़ोतरी को मुख्य कारण बताया था. पिछले साल बिजली आपूर्ति कंपनियों की औसत बिजली खरीद (पावर परचेज कॉस्ट) 4.90 रुपये प्रति यूनिट थी, जो 2023-24 में बढ़ कर 5.82 रुपये प्रति यूनिट हो गयी. वहीं, औसत बिजली आपूर्ति दर (पावर सप्लाइ कॉस्ट) भी 6.99 रुपये प्रति यूनिट से बढ़ कर 8.30 रुपये प्रति यूनिट हो गयी है.

बिजली कंपनी के मुताबिक 2022-23 में 7.22 रुपये प्रति यूनिट की दर से 29459 मिलियन यूनिट बिजली की खपत का अनुमान है. ऐसे में बिजली आपूर्ति पर लगभग 21,269 करोड़ रुपये का खर्च होंगे. वहीं, 2023-24 में संभावित 31,407 मिलियन यूनिट बिजली आपूर्ति के लिए औसत 8.30 रुपये प्रति यूनिट की दर से 26067 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया है. इसी अंतर का हवाला देते हुए विनियामक आयोग ने टैरिफ की दर में 24 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी की है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें