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सौ तक की आबादी वाले टोलों को जोड़ने के लिए 15 सौ करोड़, नीतीश कुमार की कैबिनेट ने 35 एजेंडों पर लगायी मुहर

मुख्य सचिवालय में चल रही नीतीश कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक खत्म हो गई है. कैबिनेट की बैठक में कुल 35 एजेंडों पर मुहर लगी है. नीतीश कैबिनेट ने विभिन्न विभागों के जुड़े 35 प्रस्तावों पर अपनी मुहर लगा दी है.

पटना. मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (अवशेष) के तहत राज्य की 38 जिलों में सौ या इससे अधिक की आबादी वाले सभी छूटे हुए बिना संपर्क वाले गांव, टोला और बसावटों को बारहमासी एकल संपर्कता दी जायेगी. इसके लिए कैबिनेट ने 8283 किलोमीटर ग्रामीण पथों को पुल और पुलिया सहित निर्माण और उसके पंचवर्षीय मेंटनेंस के लिए 1500 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गयी. इस राशि से ट्रांच एक के तहत 904 किलोमीटर सड़कों व पुल-पुलियों का रखरखाव भी किया जायेगा. इसके लिए मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से सर्वेक्षित सौ या इससे अधिक की आबादी के सभी छूटे हुए बसावटों को जो ग्रामीण कार्य विभाग की किसी भी योजना से स्वीकृत या चयनित नहीं है, उनको बारहमासी एकल संपर्कता दी जायेगी. इसका उद्देश्य है कि ग्रामीण जनता को कृषि उत्पादों के सही मूल्य के अलावा स्वास्थ्य, शिक्षा और बाजार की अच्छी सुविधा प्राप्त हो सकेगी.

कुल 35 प्रस्तावों को स्वीकृति

मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने बताया कि मंगलावार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में कुल 35 प्रस्तावों को स्वीकृति दी गयी. उन्होंने बताया कि समाधान यात्रा के दौरान राज्य के कुल 18 पथों के चौड़ीकरण और मजबूतीकरण कार्य के लिए 3330 करोड़ सात लाख की योजनावार स्वीकृति दी गयी है. इन पथों की कुल लंबाई 414.232 किलोमीटर हैं. जिन 18 पथों के चौड़ीकरण के लिए राशि स्वीकृत की गयी है उसमें बिहारशरीफ, पटना, वैशाली, पश्चिम चंपारण, बेगूसराय, मुंगेर, औरंगाबाद, मधुबनी, पूर्णिया, गोपालगंज, छपरा, दरभंगा, कटिहार, सीतामढ़ी और किशनगंज जिले शामिल हैं. इसी तरह से बेतिया पथ प्रमंडल के तहत नरकटियागंज-गौनाहा-मुंगराहा तथा भितिहरवा आश्रम के साथ रमपुरवा अशोक स्तंभ लिंक पथ कुल 25 किलोमीटर तक में चौड़ीकरण और मजबूतीकरण कार्य के लिए 74 करोड़ 42 लाख 43 हजार की प्रथम पुनरीक्षित अनुमानित लागत की प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी.

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डीजल अनुदान मद में 150 करोड़ स्वीकृत

मुख्य सचिव ने बताया कि कैबिनेट ने राज्य में अनियमित मॉनसून, सूखे और अल्पवृष्टि से उत्पन्न सुखाड़ जैसी स्थिति से निबटने के लिए डीजल अनुदान मद में कुल 150 करोड़ की राशि बिहार राज्य आकस्मिकता निधि से अग्रिम निकासी और खर्च करने की स्वीकृति दी गयी. इसमें से 50 करोड़ की राशि पूर्व में ही स्वीकृत की गयी थी. वर्तमान वर्ष में प्रति लीटर डीजल पर देय अनुदान 75 रुपये होगी. खरीफ फसलों के एक एकड़ क्षेत्र में एक सिंचाई के लिए 10 लीटर डीजल की खपत का अनुमान है. किसानों को बीचड़ा बचाने और जूट की दो सिंचाई के लिए प्रति एकड़ 750 रुपये के दर से और धान व मक्का, दलहनी, तेलहमी, मौसमी सब्जी,औषधीय एवं सुगंधित पौधो के लिए एक ही खेत के लिए अधिकतम तीन सिंचाई के लिए 2250 रुपये प्रति एकड़ की दर से अनुदान दिया जायेगा.

फसल सहायता योजना में सब्जी फसल में भी मिलेगा सहायता

कैबिनेट ने बिहार फसल सहायता योजना के तहत सब्जी फसल को भी अधिसूचित करने की स्वीकृति दी है. राज्य के सब्जी उत्पादक किसानों को प्रतिकूल मौसम में उत्पादन में क्षति होने पर आर्थिक सहायता दी जायेगी. किसानों को 20 प्रतिशत तक फसल नुकसान पर प्रति 7500 रुपये जबकि 20 प्रतिशत से अधिक सब्जी के नुकसान होने पर 10 हजार रुपये प्रति एकड़ सहायता मिलेगी.

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आंगनबाड़ी केंद्रों पर दो दिन अंडा या भुनी मूंगफली मिलेगी

मुख्य सचिव ने बताया कि समाधान यात्रा के दौरान आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार के तहत अंडा उपलब्ध कराने में पायी गयी व्यावहारिक कठिनाई और कुपोषण को दूर करने के लिए स्कूल पूर्व शिक्षा के लिए नामांकित बच्चों को नाश्ते के अतिरिक्त मुर्गी के अंडे और अंडा नहीं खानेवाले बच्चों को भुनी हुई मुंगफली बुधवार और शुक्रवार को देने की स्वीकृति दी गयी. राज्य योजना मद में इस वित्तीय वर्ष में 216 करोड़ 16 लाख वार्षिक खर्च होने का अनुमान है.

आयोग व बोर्ड के अध्यक्ष का वेतनमान बीपीएससी चेयरमैन के समान

मुख्य सचिव ने बताया कि कैबिनेट ने राज्य सरकार के नियंत्रणाधीन विभिन्न आयोग और बोर्ड के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों के वेतनमान और मानदेय को बिहार लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्यगण के वेतन के समान कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि बिहार लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष को दो लाख 35 हजार मूल वेतन के साथ महंगाई भत्ता दिया जाता है. इसी प्रकार से बिहार लोकसेवा आयोग के सदस्य को दो लाख रुपये मासिक मूल वेतन और महंगाई भत्ता मिलता है.

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