अलीनगर. प्रखंड मुख्यालय निवासी अबुल हयात के 25 वर्षीय पुत्र मो. अली का शव हैदराबाद से गुरुवार की सुबह अलीनगर पहुंचते ही परिजनों एवं सगे-संबंधियों में कोहराम मच गया. जनाजे की नमाज स्थानीय हाट गाछी मैदान में मस्जिद के इमाम रफीक कासमी ने पढ़ाई. उसके बाद लोगों ने स्थानीय गोदैला कब्रिस्तान में नम आंखों से सुपुर्द-ए-खाक किया. इसमें बड़ी संख्या में लोग जुटे थे. उल्लेखनीय है कि मो. अली की मृत्यु इलाज के क्रम में हैदराबाद के एक निजी अस्पताल में गत 17 मार्च को हो गई थी. पुलिसिया प्रक्रिया एवं पोस्टमार्टम के बाद सड़क मार्ग से एंबुलेंस द्वारा शव लाया गया. अली परिवार की आर्थिक तंगी के कारण दसवीं तक की पढ़ाई करने के बाद आगे की पढ़ाई छोड़कर मजदूरी करने की राह पर तीन-चार साल पहले निकल पड़ा था. भवनों की रंगाई-पुताई करने के साथ हुनरमंद कलाकार के रूप में स्थापित हो गया था. चार महीने से हैदराबाद में रहकर मजदूरी करता था. इसी दौरान गत 15 मार्च को एक छह मंजिला भवन की रंगाई-पुताई के क्रम में छत से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया था. साथ में काम करने वाले अन्य लोगों ने उसे अस्पताल में दाखिल कराया जहां तीसरे दिन 17 मार्च को उसने अंतिम सांस ली. मृतक के माता-पिता के अलावा दो बड़ी विवाहित बहन तथा एक अविवाहित बहन के संग दो छोटे भाई हैं. सभी का रो-रो कर बुरा हाल बना हुआ है.
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