Darbhanga news: सदर. राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र में रविवार को मखाना विकास योजना के तहत चयनित सीतामढ़ी के प्रगतिशील किसानों और प्रखंड उद्यान अधिकारियों का दो दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न हो गया. एकीकृत बागवानी मिशन के अंतर्गत आयोजित प्रशिक्षण की शुरुआत शनिवार को सीतामढ़ी के जिलाधिकारी द्वारा की गयी थी, जबकि समापन रविवार को अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों की उपस्थिति में हुआ. इस दौरान वैज्ञानिक डॉ मनोज कुमार ने किसानों और उद्यान अधिकारियों से कहा कि सीतामढ़ी जिले की भौगोलिक एवं जलवायु परिस्थिति मखान उत्पादन के लिए अनुकूल है. यदि जिले में वैज्ञानिक तकनीक, बेहतर प्रबंधन और समन्वित प्रयास को अपनाया जाए तो सीतामढ़ी आने वाले वर्षों में दरभंगा और मधुबनी की तरह मखान उत्पादन व प्रसंस्करण का प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित हो सकता है. जोर देते हुए कहा कि मखान आधारित उद्योगों के विस्तार से सीतामढ़ी को बिहार के औद्योगिक मानचित्र पर विशेष पहचान मिल सकती है. इससे न केवल किसानों की आय में बढ़ोत्तरी होगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार और उद्यमिता के नए अवसर भी विकसित होंगे. इस पहल से युवाओं का पलायन भी रूक सकेगा. कार्यक्रम में उद्यान अधिकारी राहुल कुमार और अंशु पटेल सहित प्रशिक्षु किसान सतीश कुमार, रामगणेश सिंह, रंजीत कुमार, राजा बाबू आदि ने हिस्सा लिया.
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