दरभंगा. सिलाई महिलाओं के लिए स्वरोजगार एक प्रमुख माध्यम हो सकती है. महिलाएं अपनी जरूरत के वस्त्र सिलने के साथ-साथ पैसे भी कमा सकती है. इससे उन्हें आर्थिक रूप से किसी पर आश्रित नहीं होना पड़ेगा. सिलाई में कुशल महिलाओं को घर बैठे रोजगार मिल जाता है. डॉ प्रभात दास फाउंडेशन की ओर से वार्ड तीन के बेला दुल्लह मुहल्ले में दो माह से संचालित निःशुल्क सिलाई प्रशिक्षण शिविर के समापन पर प्रशिक्षुओं के बीच प्रमाणपत्र वितरण करते हुए वार्ड पार्षद प्रतिनिधि प्रेमचंद्र यादव उर्फ भोलू यादव ने यह बात कही. प्रेमचंद्र ने कहा कि महिलाओं को स्वरोजगार की तरफ बढ़ना चाहिए, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें. सिलाई एक ऐसी विधा है, जो घर का काम करते हुए भी कर सकते हैं.
27 महिलाओं को किया गया प्रशिक्षित
प्रशिक्षिका शोभा देवी ने बताया कि शिविर में कुल 27 महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया. कार्यक्रम का संचालन फाउंडेशन के अनिल कुमार सिंह ने किया. मौके पर सीमा कुमारी, पूजा देवी, मोनी कुमारी, राधा देवी, मुस्कान कुमारी, दीक्षित कुमारी, विशाखा कुमारी, सुनीता देवी, नंदनी कुमारी, प्रीति कुमारी, निशा कुमारी आदि मौजूद रही.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

